पटना : राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बाद नेपाल सीमा पर गांजा की तस्करी के अलावा चरस और हेरोइन की तस्करी काफी बढ़ी है. 2016 की तुलना में इन मादक पदार्थों की तस्करी में दोगुना से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) ने नेपाल सीमा पर तस्करी की बढ़ती घटनाओं और बरामदगी को देखते हुए चौकसी काफी बढ़ा दी है.
हाल में एसएसबी के डीजी ने बिहार दौरा करके राज्य पुलिस के आला अधिकारियों और अपनी टुकड़ी के साथ खास बैठक की थी. इस दौरान भी इस समस्या पर गंभीरतापूर्वक चर्चा की गयी. इसके बाद ही एसएसबी के स्तर पर चौकसी बढ़ाने के साथ ही मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए विशेष रणनीति तैयार की गयी है.
इसके तहत एसएसबी के दो बटालियन अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गयी है. इससे सीमा पर एक पीओपी (प्लेस ऑफ पोस्ट) से दूसरे के बीच की दूरी काफी कम हो जायेगी. पहले की तुलना में इनके बीच की दूरी आधी से भी कम हो जायेगी. इससे सुरक्षा और चेकिंग में काफी सहूलियत होगी. सीमा पार आने-जाने वालों की चेकिंग समेत जांच की अन्य प्रक्रिया पहले से तेज कर दी गयी है. इसके अलावा एसएसबी पहली बार तस्करी का पता लगाने के लिए इंटेलिजेंस सिस्टम को काफी बढ़ा दिया है. खुफिया जानकारी एकत्र करने और इनका उपयोग करने में विशेष तौर पर ध्यान दिया जा रहा है.
-शराबबंदी के बाद गांजे के साथ-साथ चरस और हेरोइन की भी तस्करी दोगुनी से ज्यादा बढ़ी
मादक पदार्थों की तस्करी
वर्ष गांजा चरस अफीम हेरोइन
2014 444 173 – 1
2015 870 198 – 9
2016 300 96 2.45 2.45
2017 682 392 3 2.45
2018(अब तक) 126 148 – 3.25