लापरवाही. बिना गश्ती दल के दो तिहाई ट्रेनें, पटना-हटिया-पाटलिपुत्र एक्स में बीती रात हुई थी डकैती
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सुरक्षा है नदारद, भगवान भरोसे करें रेलयात्रा
लापरवाही. बिना गश्ती दल के दो तिहाई ट्रेनें, पटना-हटिया-पाटलिपुत्र एक्स में बीती रात हुई थी डकैती पटना : कहने को तो यात्री सुरक्षा और संरक्षा रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है. मगर ये प्राथमिकताएं सिर्फ कागजी हैं. दानापुर मंडल में ट्रेनें बिना आरपीएफ व जीआरपी गश्ती दल के आ-जा रही हैं. इस वजह से […]
पटना : कहने को तो यात्री सुरक्षा और संरक्षा रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है. मगर ये प्राथमिकताएं सिर्फ कागजी हैं. दानापुर मंडल में ट्रेनें बिना आरपीएफ व जीआरपी गश्ती दल के आ-जा रही हैं. इस वजह से लगातार लूट, डकैती और चोरी जैसी घटनाएं हो रही हैं. पिछले एक साल में एक दर्जन से अधिक लूट, डकैती व चोरी की घटनाएं रनिंग ट्रेनों में हुई हैं.
दानापुर रेलमंडल क्षेत्र से गुजरने वाली दो सौ जोड़ी से अधिक ट्रेनों में से सिर्फ 70 ट्रेनों में गश्ती दल की तैनाती होती है. राजधानी एक्सप्रेस व संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस की सुरक्षा पर ज्यादा फोकस किया गया है. लेकिन बाकी एक्सप्रेस ट्रेनों में सिर्फ नाम के गश्ती दल होते है. मंगलवार को पटना जंक्शन से चली पटना-हाटिया पाटलिपुत्र एक्सप्रेस में सिर्फ चार जीआरपी के जवान गश्ती दल के रूप में तैनात थे.
पैसेंजर व इंटरसिटी एक्सप्रेस में नहीं रहती है सुरक्षा व्यवस्था : दानापुर रेलमंडल क्षेत्र से चलने वाली 25 जोड़ी पैसेंजर व दो दर्जन के करीब इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेनों में सिर्फ कागजी तौर पर ही आरपीएफ व जीआरपी के गश्ती दल की तैनात होती है. संख्या कम होने से अपराधियों के सामने गश्ती दल घुटने टेक देता है और अपराधी लूटपाट की घटना को अंजाम देकर फरार हो जाता है.
हाल के महीनों में
ट्रेन में हुईं वारदातें
दिसंबर माह में दानापुर-भागलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस में चोरी
मई माह में किऊल-झाझा रेलखंड पर पटना-कोलकाता एक्सप्रेस में चोरी
फरवरी माह में इस्लामपुर से दिल्ली जाने वाली मगध एक्सप्रेस में लूटपाट
नवंबर माह में आसनसोल-मुंबई एक्सप्रेस में लूटपाट
दिसंबर माह में दानापुर-साहेबगंज इंटरसिटी में
लूटपाट
मई माह में काठपुल के समीप लूटपाट में एक यात्रियों की मौत
जोड़ी से अधिक
ट्रेनों में से सिर्फ 70 में गश्ती दल
क्या कहते हैं अधिकारी
रेलमंडल की 70 ट्रेनों में आरपीएफ की गश्ती दल तैनात है. समय-समय पर गश्ती दलों की संख्या बढ़ायी जाती है. रोटेशन के आधार पर इंटरसिटी व पैसेंजर ट्रेनों में भी गश्ती दल की तैनाती की जाती है. जीआरपी का गश्ती दल भी अलग-अलग एक्सप्रेस ट्रेनों में तैनात किया जाता है. आरपीएफ व जीआरपी की संयुक्त टीम एक्सप्रेस व मेल ट्रेनों में प्रतिनियुक्त की जाती है, ताकि अपराधियों व संदिग्धों पर कड़ी नजर रखी जा सके.
कुछ ही मामलों में होती है कार्रवाई
पिछले वर्ष अप्रैल माह में दिल्ली-राजेंद्र नगर राजधानी एक्सप्रेस में गहमर स्टेशन के समीप अपराधियों ने लूट की घटना को अंजाम दिया. इस घटना की प्राथमिकी पटना जंक्शन पर दर्ज की गयी और मुगलसराय जीआरपी को केस स्थानांतरण किया गया. केस की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने तीन दिनों के भीतर चार अपराधियों को गिरफ्तार करते हुए कुछ सामान बरामद किया. लेकिन लूटे गये जेवर की बरामदगी नहीं हो सकी. जून के प्रथम सप्ताह में हिमगिरी एक्सप्रेस के पार्सल कोच से गुलजारबाग-फतुहा बीच सेना का फ्यूज कंडक्टर चोरी हो गया. इस घटना के बाद आरपीएफ व जीआरपी ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अगले दिन ही अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया और फ्यूज कंडक्टर भी बरामद कर लिया.
नक्सलियों व लुटेरों
के लिए सेफ जोन है
सादे लिबास में तैनात रहेंगे जवान
चानन, लखीसराय. पटना-हटिया पाटलिपुत्रा एक्सप्रेस ट्रेन में बीती रात लूटपाट मामले में रेल डीएसपी सियाराम प्रसाद गुप्ता कुंदर हॉल्ट पर जाकर स्थल निरीक्षण किया. इस दौरान दो खोजी कुत्ते के साथ कुंदर हॉल्ट के आसपास टोह ले थे. गुप्ता ने बताया कि लूटपाट की घटना में आसपास के ही अपराधियों का हाथ है. नक्सली इस तरह की घटना को अंजाम नहीं दे सकते हैं. इधर घटना को देखते हुए किऊल-झाझा, किऊल-भागलपुर, किऊल-गया एवं किऊल-पटना रेलखंड को वृहत पैमाने पर अपराधियों के खिलाफ आरपीएफ व जीआरपी द्वारा संयुक्त अभियान चलाने का फैसला लिया गया.
इस क्षेत्र में छोटे हथियारों के साथ सादे लिबास में आरपीएसएफ के जवानों के साथ-साथ वर्दी में भी आवश्यकतानुसार जीआरपी व आरपीएफ जवानों की तैनाती ट्रेनों में गस्ती दल के रूप में की जायेगी. सादे लिबास में इजरायल से मंगाये गये छोटे हथियारों से लैस जवान जरा सी भी हलचल देख झपट्टा मार धर दबोचेंग.
नक्सलियों के भय से बिना हथियार ट्रेन में स्कॉर्ट करते हैं जवान : चानन. नक्सली भय के कारण रेल पुलिस ने हथियार डाल दिया है. जिस कारण रेल पुलिस द्वारा ट्रेनों में गश्ती के दौरान बिना हथियार के रहते हैं. जब पुलिस अपनी सुरक्षा को लेकर इतना चिंतित है तो लोग ट्रेनों में यात्रा कैसे करेंगे. जब गश्ती जवान बिना हथियार के रहेंगे तो यात्रियों की सुरक्षा भी भगवान भरोसे ही रहेगी.
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