इसके पूरे रैकेट को कई स्थानीय पुलिसकर्मियों से लेकर जन-प्रतिनिधियों तक का संरक्षण है प्राप्त
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गांजा रैकेट का पता लगाने टीम गयी अगरतला
इसके पूरे रैकेट को कई स्थानीय पुलिसकर्मियों से लेकर जन-प्रतिनिधियों तक का संरक्षण है प्राप्त पटना : राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बाद मादक पदार्थों खासकर गांजा की तस्करी में तीन गुणा से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गयी है. इसका मुख्य सप्लाई केंद्र त्रिपुरा की राजधानी अगरतला और इसके आसपास का क्षेत्र बना हुआ […]
पटना : राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बाद मादक पदार्थों खासकर गांजा की तस्करी में तीन गुणा से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गयी है. इसका मुख्य सप्लाई केंद्र त्रिपुरा की राजधानी अगरतला और इसके आसपास का क्षेत्र बना हुआ है. वहां से बेहद गुप्त तरीके से इन्हें अलग-अलग माध्यमों से लाया जाता है. अगरतला से लेकर बिहार फिर यूपी और नई दिल्ली तक इसका पूरा रैकेट फैला हुआ है. पिछले कुछ महीनों के दौरान हुई आधा दर्जन छापेमारी में अगरतला के रहने वाले कुछ तस्कर पकड़े गये हैं. इनसे हुई पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. इसके मद्देनजर राज्य से ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) की विशेष टीम पूरे मामले की जांच करने अगरतला गयी हुई है.
इस जांच के दौरान कई बड़े खुलासे होने की आशंका है. इसमें अगरतला से लेकर बिहार तक के इस रैकेट में शामिल पुलिस कर्मियों से लेकर कुछ जन प्रतिनिधियों तक के नाम सामने आ सकते हैं. इस रैकेट को कुछ बड़े लोगों का संरक्षण भी प्राप्त है. इस संबंध में भी कई बड़ी जानकारी हासिल हो सकती है.
हालांकि ईओयू की तरफ से विशेष टीम का गठन करके इन्हें आगे की विशेष जांच के लिए अगरतला भेजा गया है. जांच पूरी होने के बाद जब टीम लौटेगी, तो कई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आने की संभावना है. इसके आधार पर तस्करों के अलावा रैकेट में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू होने की संभावना है.
वर्ष 2013 में जहां सात हजार 333 किलो गांजा की बरामदगी हुई थी, वहीं 2017 में यह बढ़कर 19 हजार 848 किलो हो गयी. वर्ष 2018 में मई तक 12 हजार 42 किलो गांजा की बरामदगी हो चुकी है. वर्ष 2016 में 10 हजार 551 किलो गांजा बरामद हुई थी. एक वर्ष के दौरान 2017 में 19 हजार 848 किलो गांजा बरामद हुई. इस तरह एक वर्ष में इसमें करीब दो गुना की बढ़ोतरी हो गयी है. अगर इस वर्ष के आंकड़ों को भी इसमें जोड़ लिया जाये, तो यह बढ़ोतरी तीन गुणा से ज्यादा हो जाती है.
वर्ष 2017 से अब तक 31 हजार किलो से ज्यादा की गांजा की बरामदगी हो चुकी है. अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि बिहार में सबसे ज्यादा गांजा की सप्लाई अगरतला से होती है, जिसमें 85 फीसदी से ज्यादा गांजा सिर्फ अगरतला से ही तस्करी करके आया हुआ है. ईओयू के अलावा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, डीआरआई समेत अन्य केंद्रीय एजेंसी ने भी जितने गांजा की बरामदगी की है, उसमें अधिकांश के तार सीधे तौर पर अगरतला से ही जुड़े पाये गये हैं.
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