सरकार ने समाप्त कर दी है तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट
पटना : सरकार ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए वनस्पति तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट समाप्त कर दी है. इससे खाद्य तेल की कीमतों में दो से तीन रुपये तक प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो गयी है. खाद्य तेल व्यवसायियों की मानें तो आगामी कुछ दिनों में दाम में पांच से दस रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है. नया कानून लागू होने के बाद कारोबारी अपनी मर्जी के मुताबिक तेल का स्टॉक रख सकेंगे.
कारोबारियों के अनुसार सरकार के पास भारी मात्रा में तिलहन का स्टॉक हो चुका है. वह और अधिक तिलहन की खरीद नहीं कर सकते. एेसे में दाम कम न हो, इसके लिए सरकार ने तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट समाप्त की है. कारोबारियों के अनुसार पिछले तीन दिन में खाद्य तेलों में दो से तीन रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है. विशेषकर सोयाबीन तेल 90 रुपये से बढ़ कर 92 रुपये, सूर्यमुखी तेल 100 रुपये से बढ़कर 103 रुपये, सरसों तेल 80 रुपये से 82 रुपये और पाम आॅयल 80 रुपये से बढ़ कर 82 रुपये के प्रति लीटर हो चुकी है.
जानकारों के अनुसार स्टॉक लिमिट समाप्त होने के बाद अब व्यापारी अपनी मर्जी के अनुसार खाद्य तेल और तिलहन का स्टॉक रख सकेंगे. ज्यादा स्टॉक रखने पर कारोबारियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी. इसका लाभ कारोबारी उठायेंगे.
आयात शुल्क बढ़ने से पड़ेगा असर
खाद्य तेल के थोक कारोबारी अनिल गुप्ता ने बताया कि कच्चे सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क 30 फीसदी से बढ़ कर 35 फीसदी कर दिया गया है जबकि रिफाइंड सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क 35 फीसदी से बढ़ा कर 45 फीसदी कर दी गयी है. इसका असर आनेवाले दिनों में पड़ेगा. बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेश चंद्र तलरेजा के अनुसार केंद्र सरकार ने किसानों के हित को देखते हुए यह कदम उठाया है, लेकिन इससे उपभोक्ताओं पर मार पड़नी शुरू हो गयी है. कारोबारी अपनी मर्जी के मुताबिक स्टॉक करते हैं तो इससे खुदरा बाजार में आपूर्ति हो सकती है. इससे खाद्य तेल के भाव में बढ़ोतरी होगी. इसका असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा.