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पुलिसकर्मियों के लिए शुरू होने जा रही साइबर क्राइम की विशेष ट्रेनिंग
राज्य में पहली बार ऐसी ट्रेनिंग, 2200 पुलिस कर्मी होंगे ट्रेंड पटना : राज्य में पुलिस कर्मियों को साइबर अपराध खासकर महिला और बच्चों के खिलाफ होने वाले साइबर अपराध के मामलों का निबटारा करने के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू होने जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार ने निर्भया फंड मद से दो […]
राज्य में पहली बार ऐसी ट्रेनिंग, 2200 पुलिस कर्मी होंगे ट्रेंड
पटना : राज्य में पुलिस कर्मियों को साइबर अपराध खासकर महिला और बच्चों के खिलाफ होने वाले साइबर अपराध के मामलों का निबटारा करने के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू होने जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार ने निर्भया फंड मद से दो करोड़ 30 लाख रुपये जारी किये हैं.
साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से तैयार दिशा-निर्देश और पाठ्यक्रम के आधार पर ही पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग दी जायेगी. सीसीपीडब्ल्यूसी (साइबर क्राइम प्रीवेंशन अगेंस्ट वुमैन एंड चिल्ड्रेन) योजना के तहत पांच दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम आगामी सोमवार (11 जून) से फुलवारी शरीफ के बिपार्ट (बिहार लोक प्रशासन ट्रेनिंग संस्थान) में शुरू होने जा रहे हैं.
इसके लिए 30-30 पुलिस पदाधिकारियों का बैच बनाया गया है, जिसकी शुरुआत पटना जोन में मौजूद सभी थाना प्रभारियों से होगी. इसके बाद अन्य थानों के प्रभारियों को ट्रेनिंग दी जायेगी. इन्हें ट्रेनिंग बिहार पुलिस के पांच मास्टर ट्रेनर देंगे, जो केंद्र सरकार के संस्थानों से साइबर क्राइम में खासतौर से ट्रेनिंग लेकर लौटे हैं. इसके अलावा बाहर से भी इससे संबंधित विशेषज्ञों को भी बुलाया जायेगा.
साइबर क्राइम पर इस विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम में राज्य के सभी थानेदार समेत अन्य रैंक के 2200 पुलिस वालों के अलावा 200 ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट, 200 पीपी समेत सभी महिला थानेदारों को प्रशिक्षित किया जायेगा. इन सभी को 30-30 के बैच में ही ट्रेनिंग दी जायेगी और यह ट्रेनिंग कार्यक्रम दो साल तक चलेगा. राज्य की तरफ से आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है.
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