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नसबंदी से दूर भाग रहे प्रदेश के पुरुष, फैमिली प्लानिंग महिलाओं के भरोसे

II आनंद तिवारी II पटना : पिछले साल आयी सनी व बॉबी देओल की फिल्म पोस्टर ब्वॉयज नसबंदी की अहमियत को भले ही दर्शाती है, लेकिन यह कहानी सिर्फ पर्दे तक ही सीमित रही. लोग अब भी नसबंदी के लिए जागरूक नहीं हो सके हैं. नसबंदी के मामले में पुरुष पोस्टर ब्वॉय निकले हैं, जबकि […]

II आनंद तिवारी II
पटना : पिछले साल आयी सनी व बॉबी देओल की फिल्म पोस्टर ब्वॉयज नसबंदी की अहमियत को भले ही दर्शाती है, लेकिन यह कहानी सिर्फ पर्दे तक ही सीमित रही. लोग अब भी नसबंदी के लिए जागरूक नहीं हो सके हैं.
नसबंदी के मामले में पुरुष पोस्टर ब्वॉय निकले हैं, जबकि परिवार नियोजन में महिलाएं अव्वल हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाये गये स्क्रीनिंग प्रोग्राम व आंकड़ों में खुलासा हो चुका है.
18 हजार महिलाओं तो सिर्फ 200 पुरुषों ने करायी नसबंदी : प्रदेश में नसबंदी के आंकड़ों की मानें तो बीते साल यानी 2017 में महज 200 पुरुषों ने ही नसबंदी करायी है, जबकि महिलाओं का आंकड़ा 18 हजार के पास है.
डॉक्टरों की मानें तो पुरुष नसबंदी सरल-सुरक्षित प्रक्रिया है. इसमें सिर्फ शुक्रवाहिका नामक दो ट्यूबों को काटा जाता है. इससे किसी तरह की कमजोरी नहीं आती. पुरुष नसबंदी करवाने में समय भी कम लगता है. बावजूद पुरुष पीछे हट रहे हैं.
परिवार नियोजन की ओर से नसबंदी करवाने वाले पुरुष को प्रदेश सरकार दो हजार तथा महिला को 14 सौ रुपये का प्रोत्साहन की राशि देती है. डॉक्टरों की मानें तो बिहार में पुरुषों के नसबंदी नहीं कराने के पीछे तरह-तरह की भ्रांतियां भी सामने आ रही हैं.
पुरुषों में फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की ओर से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है, इसके लिए अलग से बजट भी खर्च होता है, बावजूद पुरुषों में जागरूकता नहीं आ रही है.
नसबंदी को लेकर नहीं रखें ये भ्रम
नसबंदी के बाद बीमार होने, कमजोर होने का भ्रम न पालें
पुरुष नसबंदी में कोई चीरा या टांका नहीं लगता
नसबंदी के आधा घंटा बाद व्यक्ति घर जा सकता है
नसबंदी के 48 घंटे बाद व्यक्ति सामान्य हो जाता है
क्या कहती हैं विशेषज्ञ डॉक्टर
छोटा परिवार रखने की जिम्मेदारी महिला व पुरुष दोनों को है. हालांकि बिहार में नसबंदी को लेकर महिलाओं में अधिक जागरूकता देखने को मिल रही है. परिवार नियोजन की जिम्मेदारी महिलाओं के साथ पुरुषों को अधिक होनी चाहिए. नसबंदी का कोई भी साइड इफैक्ट नहीं है. महज छोटा ऑपरेशन कर कुछ घंटे बाद घर जाने के लिए छुट्टी दे दी जाती है.
—डॉ नीलू प्रसाद, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, एनएमसीएच

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