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बिहार : उत्तर-पूर्व में ताकत बढ़ायेगा जदयू, लोस चुनाव में उम्मीदवार भी उतारेगा

पटना : कर्नाटक के बाद जदयू अब उत्तर-पूर्व की ओर अपनी ताकत बढ़ायेगा़ पार्टी ने मणिपुर और नगालैंड समेत संपूर्ण उत्तर-पूर्व को फोकस किया है़ पहले चरण में दल के वरिष्ठ नेताओं की टीम 19 मई को इंफाल पहुंचेगी़ 20 मई को वहां राजनीतिक सम्मेलन आयोजित किया गया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता वहां स्थानीय […]

पटना : कर्नाटक के बाद जदयू अब उत्तर-पूर्व की ओर अपनी ताकत बढ़ायेगा़ पार्टी ने मणिपुर और नगालैंड समेत संपूर्ण उत्तर-पूर्व को फोकस किया है़ पहले चरण में दल के वरिष्ठ नेताओं की टीम 19 मई को इंफाल पहुंचेगी़
20 मई को वहां राजनीतिक सम्मेलन आयोजित किया गया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता वहां स्थानीय नेता व कार्यकर्ताओं के संग बैठक करेंगे़ अपनी ताकत का अहसास कराने के साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू की तैयारी मणिपुर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारने की भी है़
इसी कड़ी में बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने उत्तर-पूर्व से आये नेताओं से मुलाकात की़ पार्टी ने उत्तर-पूर्व के राज्यों में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी, राज्यसभा सदस्य हरिवंश और राष्ट्रीय सचिव अफाक अहमद की सदस्यता वाली तीन सदस्यीय टीम गठित की है़ तीनों वरिष्ठ नेता 19 मई को इंफाल जायेंगे़
उनके साथ नगालैंड जदयू चुनाव कम्पेन कमेटी के अध्यक्ष और नगालैंड सरकार में मंत्री मोनडेमो होमसी, नगालैंड जदयू के प्रदेश महासचिव कितोहो रोटाखा और मणिपुर के जदयू अध्यक्ष व पूर्व मंत्री पाओ टाइथू भी मौजूद रहेंगे़ पार्टी लोकसभा चुनाव के पूर्व अधिकतर राज्यों में अपने संगठन का विस्तार चाहती है़
2014 के लोकसभा चुनाव में मणिपुर की दोनों लोकसभा सीटों पर तो कांग्रेस का कब्जा हुआ पर उत्तर-पूर्व का यह इलाका समाजवादियों का पुराना गढ़ रहा है़
1951-52 में हुए लोकसभा के पहले चुनाव में मणिपुर बाहरी सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा हुआ था़ 1962 के आम चुनाव में भी सोशलिस्ट पार्टी यहां काबिज हुई. उत्तर-पूर्व के इलाके में डाॅ राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण जैसे समाजवादी नेताओं का लंबा प्रवास रहा है़ समाजवादियों की इस खाली भूमि पर जदयू अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के बल पर जनाधार बनाना चाह रहा है़
जदयू को प्रमुख पार्टी बनाना चाहते हैं नीतीश कुमार
राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद नीतीश कुमार देश भर में जदयू को एक प्रमुख पार्टी के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं. पार्टी की मंशा डॉ लोहिया और जेपी की विचारधारा वाली समाजवादी धारा को एकजुट करने की है़
जल्द ही जदयू का समूचे उत्तर पूर्व के राज्यों में विस्तार देखने को मिलेगा़ इसी कड़ी में जदयू ने कर्नाटक विधानसभा के संपन्न चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है़ भले ही उसके उम्मीदवार एक भी सीट पर चुनाव जीत नहीं पाये पर कई सीटों पर उसे अच्छा खासा वोट मिला़
मयकोंडा सीट पर जदयू के उम्मीदवार बसुराज नाइक को 16640 वोट मिले़ वहीं, प्रदेश अध्यक्ष महिमा पटेल चार हजार वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे़ कर्नाटक के इस चुनाव में जदयू नये परिवेश में चुनाव लड़ रहा था. ऐसी स्थिति में जदयू के दो उम्मीदवार तीसरे स्थान पर और सात उम्मीदवारों के चौथे स्थान पर रहना मायने रखता है़
हम राष्ट्रीय पार्टी की दर्जा पाने की तैयारी में है़ं इसे हम हासिल भी करेंगे़ देश एक बार फिर नीतीश कुमार की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है. उत्तर-पूर्व में भी हम मजबूत स्थिति में होंगे़ हम 19 मई को इंफाल पहुंचेंगे और वहां दिन भर पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे़
– केसी त्यागी, राष्ट्रीय महासचिव, जदयू

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