पटना : लोकसभा चुनाव में पहली बार इवीएम में ‘नोटा ’(इनमें से कोई नहीं) बटन का इस्तेमाल हुआ. राजधानी के दोनों लोकसभा क्षेत्रों में 12405 मतदाताओं ने इस बटन का इस्तेमाल करते हुए चुनाव मैदान में खड़े सभी उम्मीदवारों को नकार दिया. सबसे अधिक पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र में 1749 जबकि सबसे कम 598 मतदाताओं ने बिक्रम विधानसभा क्षेत्र में नोटा बटन दबाया. पोस्टल बैलेट से भी पटना साहिब में 41, जबकि पाटलिपुत्र में 18 वोट नोटा के लिए मिले.
पोस्टल बैलेट में भी बीजेपी आगे : राजधानी की दोनों सीटों पर मिले पोस्टल बैलेट में भी भाजपा को बढ़त मिली है. दोनों सीटों पर 4521 वोट पोस्टल बैलेट से मिले, जिनमें भाजपा की हिस्सेदारी लगभग 55 फीसदी रही. पटना साहिब में पोस्टल बैलेट से 2541 वोट मिले, जिनमें 113 रिजेक्ट हो गये. वैद्य मतों में सबसे अधिक 1447 वोट भाजपा को मिला. कांग्रेस को 407, जदयू को 315 और आप को 139 वोट मिले. इसी तरह, पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में पोस्टल बैलेट से 1980 वोट आये. इनमें 146 सही ढंग से नहीं भरे होने पर रद्द कर दिये गये. पोस्टल बैलेट से मिले वोटों में भाजपा को 1030, राजद को 462, जदयू को 222 और आप को 26 वोट मिले.
जिस बूथ पर टूटी इवीएम, वहां भी भाजपा को वोट : 16 अप्रैल को बिक्रम विधानसभा क्षेत्र के जिस बूथ पर इवीएम टूटा, वहां भी भाजपा को दो तिहाई से भी अधिक वोट मिला. मतदान के दिन बिक्रम विधानसभा क्षेत्र के बूथ 34 (मध्य विद्यालय,डिहरी) पर दो पक्षों में भिड़ंत हुई थी, जिसमें एक पक्ष ने इवीएम तोड़ दिया था. इस मामले में राजद प्रत्याशी मीसा भारती पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी थी. इसके बाद इस बूथ पर पुनर्मतदान हुआ. पुनर्मतदान में बूथ पर भाजपा के रामकृपाल यादव को सबसे अधिक 292 वोट मिले. वहीं,राजद उम्मीदवार मीसा भारती को मात्र 98 वोट ही मिले. जदयू के डॉ रंजन प्रसाद यादव को मात्र सात वोट मिले.