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पटना : स्मार्टफोन और टैब से होगी आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनीटरिंग, चुस्त होगी व्यवस्था
पटना : अब आंगनबाड़ी केंद्राें पर बच्चों को पोषाहार मिला है या नहीं? कितने बच्चे नामांकित हैं? कितने बच्चे उपस्थित हैं? कौन बच्चा कुपोषित है? किस बच्चे को स्पेशल केयर की जरूरत है? अब इन सारी बातों की जानकारी डे-टू-डे विभाग और केंद्र स्तर पर दी जायेगी. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से […]
पटना : अब आंगनबाड़ी केंद्राें पर बच्चों को पोषाहार मिला है या नहीं? कितने बच्चे नामांकित हैं? कितने बच्चे उपस्थित हैं? कौन बच्चा कुपोषित है? किस बच्चे को स्पेशल केयर की जरूरत है? अब इन सारी बातों की जानकारी डे-टू-डे विभाग और केंद्र स्तर पर दी जायेगी. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से संचालित राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को इंफॉरमेंशन टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा जा रहा है.
कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर से जोड़ आंगनबाड़ी केंद्राें की मॉनीटरिंग स्मार्टफोन और टैब के जरिये की जायेगी. ताकि आंगनबाड़ी केंद्रों पर आनेवाले छह वर्ष से कम अायु के बच्चों और महिलाओं को कुपोषण मुक्त बनाया जा सके. वर्तमान में यह व्यवस्था मैनुअल होने से इसकी मंथली मॉनीटरिंग की जा रही है.
बिहार के छह जिलों में संचालित : बिहार में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में बिहार के छह जिलों के 12 हजार 707 आंगनबाड़ी केंद्रों में इंफाॅरमेंशन टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है. इनमें भागलपुर, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, बक्सर, जहानाबाद व लखीसराय जिलों में कार्यक्रम की सफलता के बाद इसे पूरे बिहार भर में लागू किया जाना है.
सॉफ्टवेयर अप्लीकेशन के जरिये तीन मोबाइल एप में तीन अलग-अलग रंगों के जरिये बच्चों के स्वास्थ्य की रेटिंग अलर्ट डाला गया है. डिटेल मोबाइल पर डालने के साथ ही अतिकुपोषित बच्चे, कुपोषित और नॉर्मल बच्चों का रेटिंग अलर्ट भी डाला गया है.
बिहार में 20 % बच्चे दुबलेपन के शिकार
एनएफएच आकड़ों के मुताबिक देश भर में 21 फीसदी बच्चे दुबलेपन के शिकार हैं. वहीं, बिहार में आंकड़ा 20.8 फीसदी है. वहीं कई जिले ऐसे हैं. जहां 30 फीसदी तक हैं. इनमें अरवल में 30.7, शेखपुरा में 28.9, पटना में 28.5, गया में 25.6 औरंगाबाद में 24.8 है. इन जिलों में छह वर्ष तक के बच्चे दुबलेपन के शिकार हैं. इन्हें भी कुपोषण की श्रेणी में शामिल किया गया है. एप के जरिये प्रतिदिन की रिपोर्ट के आधार पर सुधार किया जायेगा.
राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर आने वाले बच्चों की अब ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जानी है. आंगनबाड़ी केंद्रोें में बच्चाें के नामांकन से लेकर उनकी उपस्थिति तक की रिपोर्ट अब प्रतिदिन देनी होगी. साथ ही उन्हें कितने पोषाहार और न्यूट्रिशन की आवश्यकता है. इसकी भी मॉनीटरिंग की जायेगी और उन्हें बेहतर सुविधाएं मुहैया करायी जायेंगी.
-डॉ मनोज, न्यूट्रिशन, आईसीडीएस
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