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बियॉन्ड होराइजन : सफलता के लिए सही समय पर लें उचित निर्णय
सीयूएसबी में आयोजित हुआ विशेष व्याख्यान पुलिस उप महानिरीक्षक ने साझा किये विचार पटना : जीवन में सफलता के लिए सही समय पर उचित निर्णय लेना महत्वपूर्ण है. जरूरत इस बात की है कि आप जीवन का सही अर्थ और आधारभूत मूल्यों को बारीकी से समझें तथा उसे रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग करें. ये […]
सीयूएसबी में आयोजित हुआ विशेष व्याख्यान
पुलिस उप महानिरीक्षक ने साझा किये विचार
पटना : जीवन में सफलता के लिए सही समय पर उचित निर्णय लेना महत्वपूर्ण है. जरूरत इस बात की है कि आप जीवन का सही अर्थ और आधारभूत मूल्यों को बारीकी से समझें तथा उसे रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग करें. ये बातें पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) पटना राजेश कुमार ने दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) में मंगलवार आयोजित मोटिवेशनल स्पीच के दौरान कहीं.
विवि के पीआरओ ने बताया कि विवि के मीडिया विभाग ने बियॉन्ड होराइजन विषय पर विशेष व्याख्यान आयोजित किया, जिसमें पुलिस उप महानिरीक्षक राजेश कुमार मुख्य अतिथि थे.
बियॉन्ड होराइजन विषय पर बोलते हुए राजेश कुमार ने जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण आयामों को विस्तार से सभागार में उपस्थित छात्रों, प्राध्यापकों एवं विवि के कर्मचारियों से साझा किया.
कार्यक्रम के अंत में सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल साइंसेज के विभागाध्यक्ष डॉ राम कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया. व्याख्यान में विभिन्न विभागों के छात्रों एवं प्राध्यापकों के साथ डॉ सुजीत कुमार, डॉ किंशुक पाठक, डॉ अनिंद्य देब, डॉ रवि सूर्यवंशी और पीआरओ उपस्थित थे.
122 स्कूलों ने ही लिया नामांकन
कानून बनने के आठ साल बाद भी निजी स्कूल इसके प्रति गंभीर नहीं है. वर्ष 2010 में गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने के लिए कानून आरटीई की व्यवस्था की गयी. इसके तहत सभी निजी विद्यालयों में 25 फीसदी सीटों पर गरीब बच्चों का नामांकन लिया जाना है. सरकार द्वारा प्रत्येक बच्चे के नामांकन पर पोशाक और स्कूल फीस के रूप में स्कूल को 4,311 रुपये दिया जाता है, लेकिन इसके बाद भी निजी स्कूल एडमिशन देने में कोताही बरतते हैं. बीते वर्ष पटना जिले में 122 स्कूलाें द्वारा 1244 बच्चों का ही नामांकन हो पाया है.
अब समग्र शिक्षा अभियान के नाम से जानी जायेगी स्कूली शिक्षा
पटना. अब शिक्षा विभाग की ओर से संचालित स्कूली शिक्षा का संचालन समग्र शिक्षा अभियान के तहत किया जायेगा. पहली से लेकर 12वीं तक अलग -अलग नामों से संचालित शिक्षा योजना को एकीकृत करते हुए समग्र शिक्षा अभियान कर दिया गया है मानव संसाधन विकास विभाग की ओर से अब सभी योजनाओं का संचालन एकीकृत योजना के तहत स्टेट इम्पलीमेंटिंग सोसाइटी (एसआइएस)द्वारा किया जायेगा. इसके तहत अब पहली से आठवीं तक संचालित योजना सर्व शिक्षा अभियान के तहत और नौवीं से 12 वीं तक की योजना माध्यमिक शिक्षा अभियान व शिक्षक शिक्षा अलग -अलग नाम से नहीं संचालित किये जायेंगे.
इसका संचालन समग्र शिक्षा अभियान के तहत किया जायेगा. इसका क्रियान्वयन अब बिहार शिक्षा परियोजना परिषद यानि इम्पलीमेंटिंग सोसाइटी (एसआइएस)द्वारा किया जायेगा. इसके संचालन परियोजना के निदेशक के देख-रेख में किया जायेगा. साथ ही बिहार माध्यमिक शिक्षा परियोजना परिषद को समाप्त कर बिहार परियोना परिषद में शामिल किया जाना है.इससे जुड़े सारे कार्य पर परियोजन परिषद द्वारा पूरा की जायेगी. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि अब कई योजनाआें को एकीकृत कर उसे समग्र शिक्षा अभियान कर दिया गया है.
26 के बाद लेट फीस के साथ 3 मई तक कर सकते हैं आवेदन
पटना : सीपीटी यानी कॉमन प्रोफिशिएंसी टेस्ट के लिए इच्छुक अभ्यर्थी 26 अप्रैल तक अपना आवेदन दे सकते हैं. अगर इस दौरान भी आवेदन नहीं कर पाये तो 600 रुपये लेट फीस के साथ 3 मई तक आवेदन किया जा सकता है.
इस टेस्ट में शामिल होने के लिए गत चार अप्रैल से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. बता दें कि सीए बनने के लिए अभ्यर्थियों को सबसे पहले सीपीटी की परीक्षा देनी होती है और उसके बाद आईपीसी और सीए फाइनल की परीक्षा से गुजरना होता है. सीपीटी के लिए आवेदन से संबंधित अन्य जानकारी को अभ्यर्थी वेबसाइट http://icaiexam.icai.org पर देख सकते हैं.
जून में टेस्ट का आयोजन
काउंसिल ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट के नोटिफिकेशन के मुताबिक सीपीटी की परीक्षा दो सत्रों में अगले 17 जून को आयोजित की जायेगी. दो सेशन में होने वाली इस परीक्षा का पहला सेशन सुबह 10.30 बजे से 12.30 बजे तक होगा. वहीं दूसरे सेशन का आयोजन दोपहर दो बजे से शाम के चार बजे तक होगा. देशभर में सीपीटी की परीक्षा के लिए कुल 196 केंद्र बनाये गये हैं. वहीं जो लोग विदेश में हैं उनके लिए भी 5 केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन किया जायेगा. देश के भीतर चुने गये केंद्रों पर सीपीटी की परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क के रूप में 1000 रुपये देने होंगे. वहीं विदेशों में काठमांडू के लिए 1700 रुपये जबकि अबू धाबी, दोहा, दुबई और मस्कट के केंद्र पर परीक्षा के लिए 300 डॉलर परीक्षा शुल्क के रूप में जमा करने होंगे.
हादसे के बाद ग्रामीणों ने किया जमकर हंगामा
हादसे में मां-बेटे की मौत के बाद स्थानीय लोग आक्रोशित हो गये. उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि बाटा मोड़ पर एनएच का काम चल रहा है. इसमें संवेदक लापरवाही बरत रहा है. निर्माण कार्य में देरी व यातायात नियमों का पालन नहीं होने से अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है. गत पंद्रह दिनों में कई बाइक सवार सड़क पर गिर कर चोटिल हो चुके हैं. इसकी शिकायत के बाद भी एनएच का निर्माण करा रही कंपनी लोगों का दर्द सुनने को तैयार नहीं है. वहीं, प्रशासन का भी टाल-मटोल रवैया है. मौके पर पहुंची पुलिस ने उग्र लोगों को समझा- बुझा कर मामला शांत कराया. तब जाकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका.
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