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बिहार : प्यादे ही चढ़े हत्थे, बड़े ड्रग माफियाओं का साया भी नहीं पा सकी पुलिस
पटना : शारीरिक पीड़ा को दूर करने के लिए राहत की जिस गोली को आप मेडिकल स्टाेर से खरीदते हैं वह एक्सपायरी और नकली हो तो कल्पना कर लिजिये कि आपकी जिंदगी राजधानी में कितनी सुरक्षित है. सिर्फ रैपर नया और दवाएं नकलीं-एक्सपायरी. जी हां, धोखा, फरेव और जान को जोखिम में डालने का कारोबार […]
पटना : शारीरिक पीड़ा को दूर करने के लिए राहत की जिस गोली को आप मेडिकल स्टाेर से खरीदते हैं वह एक्सपायरी और नकली हो तो कल्पना कर लिजिये कि आपकी जिंदगी राजधानी में कितनी सुरक्षित है.
सिर्फ रैपर नया और दवाएं नकलीं-एक्सपायरी. जी हां, धोखा, फरेव और जान को जोखिम में डालने का कारोबार करने वाले बड़े ड्रग माफियाओं काे अगर पटना पुलिस संजीदगी से नहीं खोज रही है तो पुलिस के नियत पर भी सवाल उठते हैं.
दरअसल एक साल में पुलिस ने 10 करोड़ 45 लाख से अधिक की नकली और एक्सपायरी दवायें बरामद तो की लेकिन इसके नेटवर्क को नहीं भेद पायी. जब भी पकड़े गये तो इस कारोबार से जुड़े छोटे मोहरे. बड़े लोग पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े. ताज्जुब तो यह है कि वह दुकान और गोदाम भी धड़ल्ले से चलने लगे जहां छापेमारी में भारी मात्रा में दवाएं बरामद हुई.
कबाड़ के भाव खरीदी जाती हैं नकली दवाएं : एक्सपायरी दवाओं को न्यू पैकेजिंग करके मार्केट में सप्लाइ करने वाला माफिया गैंग इसे कबाड़ के भाव खरीदता है. इसके बाद किसी गोपनीय स्थान पर इसकी पैकेजिंग करायी जाती है.
पुलिस और ड्रग विभाग की संयुक्त छापेमारी में कई बार इस तरह का खुलासा हुआ है लेकिन यह कारोबार ठप नहीं हो पा रहा है. इसके पीछे मुख्य वजह यही है कि यह बड़ा मुनाफे वाला धंधा है. इसमें बड़े लोग शामिल हैं, लेकिन हार बार छोटे लोग ही पकड़े जा रहे हैं तो विभाग और पुलिस सवालों के कटघरे में खड़ी होती दिख रही है.
पटना में बार-बार पकड़ी गयी नकली दवाओं की खेप, कई लोग भी किये जा चुके हैं गिरफ्तार
– 20 अप्रैल, 2017 को संदलपुर में छापेमारी हुई थी. इसके बाद कदमकुआं, पत्रकारनगर और आलमगंज में छापेमारी की गयी थी. विट्टू के कबाड़ दुकान से भारी मात्रा में एक्सपायरी दवा मिली थी. पुलिस ने 10 करोड़े रुपये कीमत की दवा बरामद की थी. इसमें विट्टू और रमेश पाठक का नाम सामने आया था.
– 9 जनवरी 2017 को गाेविंद मित्रा रोड में बिहार साव लेन में छापेमारी कर पुलिस ने 20 लाख की नकली और एक्सपायरी दवा बरामद किया था. रैपर भी बरामद हुए थे. पुलिस ने बबलू नाम के युवक को गिरफ्तार किया था.
– 5 अप्रैल 2018 को कंकड़बाग थाना क्षेत्र के अशोकनगर में छापेमारी कर पुलिस ने 25 लाख रुपये की एक्सपायरी और दवा और रैपर बरामद किया था. इस दौरान संजय नाम के सप्लायर को गिरफ्तार किया गया था.
कई अन्य सामानों के भी रैपर हो रहे तैयार
पटना में सिर्फ नकली दवाओं की ही पैकेजिंग नहीं हो रही है. बल्कि दवा, क्रिम, ऑटो पार्टस व अन्य ब्रांडेड सामानों के रैपर को भी तैयार किया जा रहा है. हाल में ही एसकेपुरी थाने की पुलिस ने बड़े पैमाने पर रैपर तो बरामद किया, उस प्रिटिंग प्रेस तो पहुंची जहां से रैपर बन रहे थे. दानापुर में राज प्रिटिंग प्रेस में इस रैपर की छपाई की जा रही थी. लेकिन मामले के जड़ तक नहीं पहुंच पायी.
पटना में जितने भी नकली रैपर पकड़े गये हैं, उन केस में क्या हुआ, किसी की गिरफ्तारी हुई है, किसकी तलाश चल रही है, इन सबका रिब्यू किया जायेगा. इसके लिए एसकेपुरी पुलिस पिछले कांडों की रिपोर्ट भी मांगी गयी है.
मनु महाराज, एसएसपी पटना
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