पटना : खरमास खत्म होने के साथ ही शुभ मुहूर्त के इंतजार की घड़ियां भी समाप्त होने वाली है. अब 18 अप्रैल से शहनाईयों की गूंज सुनाई पड़ने लगेगी. इस क्रम में वर व वधू पक्ष के लोगों की व्यस्तता बढ़ जायेगी. वैसे अभी से ही शादी की तैयारियां आरंभ हो गयी है. शादी को लेकर बैंड-बाजा व वाहनों की अग्रिम बुकिंग आरंभ कर हो गयी है.
हालात यह है कि पहले हम, पहले हम के कारण सभी को पूर्व से निर्धारित दरों से अधिक जेब ढीली करनी पड़ रही है. इस संबंध में आचार्य जितेंद्र नाथ पांडे ने बताया कि 15 अप्रैल को खरमास की समाप्ति के साथ ही 18 अप्रैल से वैवाहिक कार्यक्रम आरंभ हो जायेगा. 12 मई तक लग्न रहेगा. फिर 13 मई से 13 जून तक एक माह तक चलने वाले मलमास के कारण वैवाहिक आयोजनों पर विराम लग जायेगा.
इसके बाद पुन: 14 जून से वैवाहिक कार्यक्रमों की शुरुआत होगी जिसका समापन 17 जुलाई को होगा.
23 जुलाई को देवशयनी एकादशी से शादी पर ब्रेक : ज्योतिषाचार्य पं. अमित शास्त्री ने कहा कि वृहस्पति की दो राशियां हैं- धनु और मीन. इन दोनों राशियों में जब सूर्य जाते हैं तो खरमास शुरू हो जाता है.
जब इन राशियों से दूसरी राशि संक्रमण करते हैं तो खरमास समाप्त होता है. इसके बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. ज्योतिषाचार्य पं. राजेश्वरी मिश्रा ने बताया कि बुधवार से ही मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त प्रारंभ हो जायेगा, जो 23 जुलाई को देवशयनी एकादशी के बाद चार महीने के लिए विवाहादि मांगलिक कार्यों पर ब्रेक लगेगा और शादी नहीं होगी.
अप्रैल व जून माह में सबसे अधिक लग्न का मुहूर्त
विवाह के शुभ मुहूर्त
अप्रैल
18,19, 20, 24, 25, 26, 27, 28, 29 और 30
मई
01, 02, 03, 04, 05, 06, 11, और 12
इसके बाद मलमास के कारण वैवाहिक कार्य संपन्न नहीं कराएं जा सकेंगे.
जून
14, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28 29 और 30
जुलाई
04, 05, 06, 09, 10, 15, 16 और 17
इसके बाद भगवान विष्णु के शयन में जाने के कारण सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर विराम लग जायेगा. बावजूद इन तिथियों में शहनाईयों की गूंज से प्रखंड समेत ग्रामीण क्षेत्र गुलजार रहेगा. शादी-विवाह की तैयारियों को ले बाजार सजने लगे हैं. बाजारों में खरीदारी आरंभ हो गयी है.