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पटना : भाजपा का था उपहास कार्यक्रम: कांग्रेस

पटना : भाजपा के उपवास कार्यक्रम को कांग्रेस ने उपहास कार्यक्रम की संज्ञा दी. प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि दलितों, शोषितों ,वंचितों के अधिकार छीनने पर कांग्रेस ने उसके सहयोग के लिए उपवास रखा था. भाजपा तो उनके अधिकारों व आरक्षण छीनने में लगी है. उन्हें सत्ता में बने रहने […]

पटना : भाजपा के उपवास कार्यक्रम को कांग्रेस ने उपहास कार्यक्रम की संज्ञा दी. प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि दलितों, शोषितों ,वंचितों के अधिकार छीनने पर कांग्रेस ने उसके सहयोग के लिए उपवास रखा था. भाजपा तो उनके अधिकारों व आरक्षण छीनने में लगी है. उन्हें सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है.
भाजपा की मानसिकता दलित विरोधी है. ऐसे में वह दलितों, शोषितों ,वंचितों का उपहास करने के लिए कार्यक्रम को रखा था. बिहार कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा का उपवास देश को भ्रमित करने का प्रयास है. केंद्र व 19 राज्यों में भाजपा की सरकार है तो फिर कांग्रेस के खिलाफ उसका उपवास औचित्यहीन व बेमतलब है. यह उपवास मोदी सरकार की नाकामियों को छुपाने की कोशिश के सिवाय और कुछ नहीं है.
उपवास नहीं राजनैतिक नौटंकी : हम
पटना. संसद नहीं चलने देने के नाम पर देश भर में हुए भाजपा नेताओं के उपवास को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने राजनैतिक नौटंकी बताया है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने कहा कि अपनी विफलता को छुपाने के लिए भाजपा नेता उपवास का ड्रामा किया. भाजपा नेतृत्व को यह बताना चाहिए कि उपवास क्यों व किसके समक्ष.
राजद ने उपवास को बताया दिखावा
पटना. राजद राष्ट्रीय परिषद सदस्य भाई अरूण कुमार, सत्येन्द्र पासवान एवं अत्यंत पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव उपेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ने भाजपा नेताओं के उपवास को एक दिखावा बताया है. अपनी नाकामियों, भ्रष्टाचार को छुपाने और साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने के लिये भाजपा के लोग उपवास पर बैठे हैं. भ्रष्टाचार को छुपाने के लिये भाजपा सरकार उपवास कर रही है.
राज्य के कई जिलों में खुलेंगे शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान
प्रधानाध्यापकों के निकासी व व्ययन अधिकार तीन माह तक बहाल : राजकीयकृत और प्रोजेक्ट माध्यमिक विद्यालयों के नियमित प्रधानाध्यापकों से निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी के अधिकार खत्म कर दिये गये हैं.
हालांकि सरकारी कार्य में किसी तरह की कोई बाधा नहीं पड़े इसके लिए मई तक यानि तीन माह तक प्रधानाध्यापक इन अधिकारों का इस्तेमाल कर सकेंगे. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सह विधान पार्षद केदार नाथ पांडेय का कहना है कि विद्यालय प्रधान को शिक्षकों व कर्मियों के वेतन सहित योजनाओं की राशि की निकासी आिद असर पड़ेगा.
पटना : बीएड करने के लिए निजी अध्यापक शिक्षा महाविद्यालयों की अब शरण नहीं लेनी होगी. सरकार जल्दी ही प्रदेश में आठ नये बीएड कॉलेज खोलने जा रही है. प्राथमिक शिक्षा में और भी सुधार करते हुए पांच डायट भी खोलेगी. वर्तमान में बिहार में अध्यापक शिक्षा महाविद्यालयों की संख्या 60 से अधिक हैं.
औरंगाबाद , पूर्वी चंपारण, सीवान, पटना, अररिया, पूर्णिया, बक्सर और मुंगेर में बीएड कॉलेज खुलेंगे. जबकि, सुपौल, अरवल, जहानाबाद, सहरसा और जमुई में डायल खुलेंगे.

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