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बिहार : बिना ई-वे बिल के माल ढुलाई नहीं, 25% राजस्व बढ़ने की उम्मीद: सुशील मोदी

25% राजस्व बढ़ने की उम्मीद, राज्य में 1 अप्रैल से ई-वे बिल सुविधा की हुई शुरुआत पटना : देश के साथ ही राज्य में भी ई-वे बिल प्रणाली की शुरुआत 1 अप्रैल से हो गयी है. इसकी शुरुआत डिप्टी सीएम सह वाणिज्य कर मंत्री सुशील कुमार मोदी ने पुराना सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम […]

25% राजस्व बढ़ने की उम्मीद, राज्य में 1 अप्रैल से ई-वे बिल सुविधा की हुई शुरुआत
पटना : देश के साथ ही राज्य में भी ई-वे बिल प्रणाली की शुरुआत 1 अप्रैल से हो गयी है. इसकी शुरुआत डिप्टी सीएम सह वाणिज्य कर मंत्री सुशील कुमार मोदी ने पुराना सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में की.
उन्होंने कहा कि अब राज्य में 50 हजार या इससे ज्यादा मूल्य के किसी भी माल की ढुलाई पर ई-वे बिल को अनिवार्य कर दिया गया है.
इस नयी पहल से राजस्व संग्रह में 25 फीसदी बढ़ोतरी की संभावना है. उन्होंने कहा कि वाणिज्य कर से राज्य में जितना कर संग्रह होना चाहिए, वह अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रहा है. ई-वे बिल से इसमें बढ़ोतरी तय मानी जा रहा है, जो सामान जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैं, उनकी ढुलाई में इसकी कोई जरूरत नहीं है.
फिलहाल इस व्यवस्था को अंतरराज्यीय (राज्य से बाहर या एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच) सामानों के परिवहन पर ही लागू की गयी है. 15 दिन बाद इस व्यवस्था को राज्य के अंदर ढोनेवाले सामानों पर भी लागू की जायेगी.
इसके लिए सभी राज्यों को तीन श्रेणी में रखा गया है. इसके बाद पहली श्रेणी वाले राज्यों में यह शुरू होगी, जिसमें कर्नाटक, केरल समेत अन्य राज्य शामिल हैं.
इसके अगले 15 दिन बाद दूसरी श्रेणी के राज्य में यह शुरू होगी, जिसमें बिहार समेत अन्य राज्य हैं. डेढ़ महीने बाद तीसरी श्रेणी के राज्यों में यह शुरू होगा. ई-वे बिल प्रणाली 1 फरवरी को भी शुरू की गयी थी, लेकिन तकनीकी कमियों के कारण इसे बंद कर दिया गया था. इस बार तमाम कमियों को दूर करते हुए इसे ज्यादा यूजर फ्रेंडली बनाया गया है.
कंपोजिट डीलर दे रहे कम टैक्स
डिप्टी सीएम ने कहा कि राज्य में जीएसटी के अंतर्गत निबंधित व्यापारियों की संख्या अभी तीन लाख 25 हजार है. जीएसटी लागू होने के बाद एक लाख 56 हजार नये व्यापारी जुड़े.
जबकि, वैट जीएसटी में कनवर्ट हुए व्यापारियों की संख्या एक लाख 68 हजार है. रेगुलर टैक्स जमाकर्ताओं की संख्या दो लाख 35 हजार है. राज्य में पहले कंपोजिट डीलर की संख्या आठ हजार थी, जो बढ़कर 90 हजार हो गयी है. कंपोजिट डीलर अपेक्षाकृत कम कर भुगतान कर रहे हैं. बीते तिमाही के दौरान यह देखा गया कि इन्होंने औसतन 20 लाख टैक्स दिया है.
इससे साफ पता चलता है कि कंपोजिट डीलर अपना टर्न ओवर कम करके बता रहे हैं. उन्होंने व्यापारियों से कहा कि ऐसा नहीं करे, नहीं तो विभाग को हस्तक्षेप करना पड़ेगा. सही टैक्स भरे. कुछ मामले ऐसे भी देखे जा रहे हैं, जिसमें बिना बिल के सामान बेचे जा रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी. जीएसटी के बाद मॉनीटरिंग से कोई नहीं बच सकता है.
अब उड़नदस्ते से होगी चेकिंग
ई-वे बिल लेकर ढोये जाने वाले सामानों की चेकिंग के लिए अब उड़नदस्ता टीम बनायी गयी है. वाणिज्य कर विभाग की यह टीम किसी वाहन को रास्ते में कहीं भी रुकवा कर ई-वे बिल और सामान की जांच कर सकती है.
परंतु इन्हें 30 मिनट से ज्यादा किसी वाहन को रोककर चेकिंग नहीं करना होगा. अगर बेमतलब या तंग करने की नियत से किसी वाहन को ज्यादा देर तक रोका गया, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए ड्रायवर भी अपने मोबाइल से ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.
दूसरी तरफ चेकिंग करने वाले अधिकारियों को भी जांच की स्टेटस रिपोर्ट ऑनलाइन अपलोड करनी होगी. इस दौरान वाणिज्य कर विभाग की प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी, सचिव प्रतिमा एस वर्मा व अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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