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जिला आपूर्ति अधिकारी के नेतृत्व में दुकानों की चेकिंग

पटना : जन वितरण प्रणाली को लेकर प्रभात खबर की ग्राउंड रिपोर्टिंग में सामने आया था कि अब भी कागजों में चल रहे राशन बांटने का खेल चल रहा है. इस रिपोर्ट को प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आया. गुरुवार को जिला आपूर्ति पदाधिकारी के नेतृत्व में कई दुकानों […]

पटना : जन वितरण प्रणाली को लेकर प्रभात खबर की ग्राउंड रिपोर्टिंग में सामने आया था कि अब भी कागजों में चल रहे राशन बांटने का खेल चल रहा है. इस रिपोर्ट को प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आया. गुरुवार को जिला आपूर्ति पदाधिकारी के नेतृत्व में कई दुकानों की पड़ताल की गयी. उनसे संबंधित दस्तावेज भी तलब किये गये. शुक्रवार को पता चलेगा कि दुकानों में गड़बड़झाला चल कैसे रहा था.
पड़ताल में कई तरह की चौंकाने वाली बात सामने आयी थी. फरवरी माह में अब तक लगभग 75 फीसदी लाभुक कार्डधारियों को राशन दिया जा चुका है.
वितरण प्रणाली के डीलरों ने अपने कागजी रिपोर्ट में सब कुछ मेनटेन भी किया है, लेकिन जमीन पर जांच हुई तो उलट ही बातें सामने आयीं. प्रभात खबर टीम बुधवार को जनवितरण प्रणाली दुकानों की पड़ताल के लिये निकल गयी थी. दिन के 11 बजे शहर के कई दुकानों की जमीनी हकीकत सामने आ चुकी थी. कई दुकानें बंद थीं, जबकि चितकोहरा व अनिसाबाद क्षेत्र में कुछ दुकाने खुली थीं. किसी में भीड़ नहीं थी. एक-दो दुकानों पर कुछ लोग जरूर थे. कुछ दुकानों के दरवाजे बंद थे. प्रभात खबर की टीम के पहुंचने पर कुछ दुकानें खुलीं.
जिला पूर्ति पदाधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि प्रभात खबर में खबर प्रकाशित हुई तो फौरन टीम बना सभी सदस्यों को अलग-अलग दुकानों पर भेजा गया था. सबसे रजिस्टर तलब किया गया है, ताकि जांच हो सके की हकीकत क्या है.
पटना : राशन कार्ड के इंतजार में आस लगाये गरीबों का इंतजार अभी खत्म नहीं होने वाला. अभी कार्ड की जांच प्रक्रिया चल रही है, इसके बाद ही राशन कार्ड मुहैया हो पायेगा. हालांकि, जिला प्रशासन तेजी से काम कराने का दावा कर रहा है. लेकिन, नये नियमों के झंझावात में गरीब फंस कर रह गये हैं.
हालांकि नये नियमों से राशन वितरण को लेकर पारदर्शिता भी आयी है. औपचारिकताएं जरूर गरीबों पर भारी पड़ रही हैं. सरकार भी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं, ताकि अपात्रों के हिस्से में गरीबों का राशन न चला जाये. इसलिए जांच को लेकर खास सतर्कता बरती जा रही है. जिले के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई 2017 के बाद एक लाख 22 हजार आवेदन आये. इसमें से मात्र तीन हजार परिवारों को ही राशन कार्ड मुहैया कराया जा सका है. शेष की जांच चल रही है.
काम में तेजी लाने के डीएम ने दिये निर्देश : जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि राशन कार्ड को लेकर हर स्तर पर तेजी के निर्देश जारी कर दिये गये हैं. जिला के आपूर्ति कार्यपालक पदाधिकारियों को अनुमंडल स्तर पर लगाया गया है. ऑपरेटरों की संख्या भी बढ़ायी गयी है, ताकि जांच प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर कोई अवरोध न पैदा हो. उम्मीद है जल्दी ही शेष पात्रों को भी कार्ड मुहैया करा दिया जायेगा.
यह है आवेदन करने का नियम :
लाभुक अपना आवेदन प्रखंड कार्यालय स्थित आरटीपीएस कार्यालय में दे सकते हैं. आवेदन के साथ आधार कार्ड अति आवश्यक है. प्राप्त आवेदन को प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा जांच एवं अनुशंसा के बाद अनुमंडल कार्यालय को भेजा जाता है. एसडीओ द्वारा अनुमंडल के सभी प्रखंडों से आये आवेदनों की जांच की जाती है. इसके बाद नये राशन कार्ड जारी किये जाते हैं. बता दें कि एक आवेदन एक ही व्यक्ति द्वारा दिया जा सकता है.

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