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”पकड़ुवा विवाह” : बिहार में पिछले साल 3070 दूल्हा हुए अगवा, शादी के सीजन में खास सतर्क रहने का निर्देश

पटना : बिहार प्रदेश में हर साल करीब तीन हजार अपहरण शादी के लिये किये जा रहे हैं. यह हम नहीं कह रहे हैं, पुलिस विभाग के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं. पिछले साल 2017 में तीन हजार चार सौ पांच दूल्हे का अपहरण करके उसे विवाह के लिये मजबूर किया गया. इस तरह […]

पटना : बिहार प्रदेश में हर साल करीब तीन हजार अपहरण शादी के लिये किये जा रहे हैं. यह हम नहीं कह रहे हैं, पुलिस विभाग के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं. पिछले साल 2017 में तीन हजार चार सौ पांच दूल्हे का अपहरण करके उसे विवाह के लिये मजबूर किया गया. इस तरह के विवाह को ‘पकड़ुवा विवाह’ कहा जाता है. पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो लगातार यह संख्या बढ़ी है. इसको लेकर पुलिस मुख्यालय ने सभी एसपी को शादी के सीजन में खास सतर्क रहने को कहा है.

2016 में 3070 दूल्हों का किया गया अपहरण

2016 में 3070 युवकों का अपहरण शादी के लिए किया गया. 2015 में 3000 तो 2014 में 2526 दूल्हों का अपहरण हुआ और दुल्हन के परिजनों ने बंदूक की नोक पर विवाह के लिये मजबूर किया. एक अनुमान के मुताबिक बिहार में औसतन प्रतिदिन ऐसी नौ शादियां हो रही हैं. अपहरण करके शादी करने की वारदातें काफी पहले से होती रही हैं. बिहार के कुछ खास ऐसे भाग हैं जहां के लोग इसे स्वीकार कर चुके हैं. दूसरी ओर, अपहरण कर शादी करने की वारदातों को दहेज से भी जोड़कर देखा जाता है. बहुत लोगों का मानना है कि इस तरह के अपहरण दहेज के कारण हो रहे हैं. खैर, पुलिस लगातार जिलों के एसपी पर इसको लेकर दबाव बना रही है. ताकि इस तरह के अपराध पर नियंत्रण किया जा सके.

शादियों पर रहेगी निगम की नजर, दहेज के लेन-देन पर कार्रवाई

फरवरी में शादी-ब्याह की तारीखों को देखते हुए महिला विकास निगम की ओर से सभी जिलों को बाल-विवाह के साथ ही होने वाले शादियों में दहेज की लेन-देन पर भी नजर रखने का निर्देश दिया गयी है. बिहार भर में बाल-विवाह और दहेज प्रताड़ना के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के तहत सभी जिलों से बाल-विवाह और दहेज प्रताड़ना के मामलों की रिपोर्ट मांगी गयी है. साथ ही सभी जिलों के थाने और महिला हेल्पलाइन व बिहार राज्य महिला आयोग को दहेज प्रताड़ना के मामलों में कार्रवाई करने व होने वाली शादियों पर भी नजर रखने का निर्देश दिया गया है. वहीं, प्रत्येक थानों से भी शादी को लेकर अनुमति लेने के मामले की भी जानकारी मांगी गयी है.

एनसीआरबी भी दे रहा गवाही

नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार उत्तर प्रदेश, बिहार और असम में 50 प्रतिशत अपहरण शादी के लिए हुए. इन सभी राज्यों में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 7,338 महिलाओं को अगवा किया गया. अपहरण जैसे अपराध में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. बिहार में अपहरण के 4,641 मामले सामने आये. बिहार में जबरन विवाह से संबंधित अपहरण का ग्राफ 70 प्रतिशत है. असम में 3,883 लोगों का अपहरण हुआ. इस डेटा के साथ असम में अपहरण की दर सबसे ऊंची है.

चार सालों में पांच हजार बढ़ गये मामले

राष्ट्रीय अपराध रिपोर्ट के अनुसार अपहरण के आंकड़ों का लगभग 17प्रतिशत हिस्सा अकेले बिहार राज्य का है.

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