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बिहार : 10 जिलों के 39 बालू घाटों का हुआ ई-टेंडर

प्रदेश में बालू की उपलब्धता बढ़ाने व मांग के अनुसार आपूर्ति सुनिश्चित करने को उठा कदम पटना : प्रदेश में बालू की उपलब्धता बढ़ाने और उपभोक्ताओं को मांग के अनुसार आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 10 जिलों के 39 नये घाटों का ई-टेंडर संपन्न हो गया. इसमें पटना जिला भी शामिल है. ई-टेंडर की प्रक्रिया […]

प्रदेश में बालू की उपलब्धता बढ़ाने व मांग के अनुसार आपूर्ति सुनिश्चित करने को उठा कदम
पटना : प्रदेश में बालू की उपलब्धता बढ़ाने और उपभोक्ताओं को मांग के अनुसार आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 10 जिलों के 39 नये घाटों का ई-टेंडर संपन्न हो गया. इसमें पटना जिला भी शामिल है. ई-टेंडर की प्रक्रिया 17 जनवरी से 27 जनवरी तक चली और यह दो साल के लिए दी गयी है.
इन सभी घाटों के बंदोबस्तधारी एनवायरामेंटल क्लीयरेंस (ईसी) लेने के बाद खान एवं भूतत्व विभाग से अनुमति मिलने पर बालू का खनन कर सकेंगे. इस प्रक्रिया में अधिकतम तीन महीने का समय लग सकता है. इन सभी 10 जिलों में से सबसे अधिक बालू घाट औरंगाबाद में हैं, यहां 10 बालू घाट हैं. इसके साथ ही पटना जिले में पांच बालू घाट हैं.
इनमें बिन्दौल में एक, मोदाही में एक, सूअरमरवा में एक, परेव में एक और दोघरा में एक बालू घाट है. वहीं अन्य जिलों में से रोहतास में एक, नवादा में चार, नालंदा में तीन, लखीसराय में चार, जहानाबाद में तीन, अरवल में तीन, गया में तीन और जमुई में तीन बालू घाट शामिल हैं.
पारदर्शिता के लिए ई-टेंडर
खान एवं भूतत्व विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सभी बालू घाटों के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया अपनाने की वजह इस काम में पारदर्शिता बरतना है. इस कारण भ्रष्टाचार और भेदभाव की शिकायत नहीं मिलती. वहीं बालू की उपलब्धता के बारे में उनका कहना है कि सभी बंदोबस्तधारियों को अपने-अपने जिले के डिया से एनवायरामेंटल क्लीयरेंस लेना आवश्यक है. इसके बाद विभाग से खनन की अनुमति मिलने पर वे बालू निकाल सकेंगे.
विभाग का दावा
ई-चालान से उपभोक्ताओं को दो महीने में मिला साढ़े आठ करोड़ सीएफटी बालू
ई-चालान से उपभोक्ताओं को दो महीने के दौरान साढ़े आठ करोड़ सीएफटी बालू और 1,80,00,000 सीएफटी पत्थर उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाये गये हैं. इस दौरान कुल 4,35,511 चालान जारी किये गये. यह दावा खान एवं भूतत्व विभाग ने किया है. विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि करीब दस हजार वाहनों से प्रतिदिन उपभोक्ताओं को बालू और पत्थर की आपूर्ति हो रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
विभाग के विशेष सचिव सह निदेशक असंगबा चुबा आओ ने कहा कि एक दिसंबर, 2017 से बालू-गिट्टी के लिए ई-चालान प्रक्रिया शुरू की गयी थी. यह ठीक तरीके से काम कर रही है. बिहार राज्य खनन निगम लिमिटेड के बफर स्टॉक में बालू उपलब्ध है, इसकी कोई कमी नहीं है. उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर इसकी आपूर्ति की जा रही है.

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