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बिहार : राज्य के सभी डॉक्टरों को अब केंद्र की तर्ज पर मिलेगा प्रोन्नति का लाभ
कैबिनेट के फैसले : 1 अप्रैल, 2017 से होगा यह लागू पटना : राज्य के सभी डॉक्टरों को अब केंद्र सरकार की तर्ज पर वित्तीय उन्नयन या डीएसीपी (डॉयनेमिक एश्योर कॉरियर प्रोमोशन) का लाभ दिया जायेगा. इसमें इन्हें केंद्र के तय मानकों की तर्ज पर प्रोन्नति का लाभ दिया जायेगा. बिहार पहला राज्य है, जहां […]
कैबिनेट के फैसले : 1 अप्रैल, 2017 से होगा यह लागू
पटना : राज्य के सभी डॉक्टरों को अब केंद्र सरकार की तर्ज पर वित्तीय उन्नयन या डीएसीपी (डॉयनेमिक एश्योर कॉरियर प्रोमोशन) का लाभ दिया जायेगा. इसमें इन्हें केंद्र के तय मानकों की तर्ज पर प्रोन्नति का लाभ दिया जायेगा. बिहार पहला राज्य है, जहां डॉक्टरों को यह लाभ दिया गया है.
बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री सचिवालय में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक के बाद इसमें लिये गये निर्णयों की जानकारी कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने दी. उन्होंने कहा कि कैबिनेट में कुल 16 मामलों पर निर्णय लिये गये हैं. डॉक्टरों को डीएसीपी का यह लाभ 1 अप्रैल 2017 से दिया जायेगा.
चिकित्सकों और चिकित्सक शिक्षकों को सातवां वेतन आयोग में भी इसे लागू करने की अनुशंसा की गयी थी. इस घोषणा के बाद बिहार स्वास्थ्य सेवा संवर्ग और बिहार चिकित्सा शिक्षक सेवा संवर्ग की वेतन संरचना के आधार पर वेतन निर्धारण के आधार पर डॉक्टरों को वित्तीय उन्नयन प्रदान किया जा रहा है. वर्तमान में चिकित्सकों और चिकित्सक शिक्षकों को छह वर्ष की सेवा के बाद पहला डायनेमिक एसीपी, 12 वर्षों की सेवा के बाद दूसरा और 18 वर्ष के बाद तीसरा डीएसीपी दिया जाता है.
अब इस तरह से मिलेगा डॉक्टरों को लाभ
0 बिहार स्वास्थ्य सेवा संवर्ग (सामान्य कर्तव्य उप संवर्ग)
– पे-बैंड-दो में 5400 से पे-बैंड तीन 6600 वालों के लिए पे-बैंड दो 5400 में चार साल की सेवा होना अनिवार्य है.
– पे-बैंड तीन में 6600 से 7600 वालों को ग्रेड पे-6600 में पांच साल की सेवा या नौकरी में नौ साल की सेवा की अनिवार्यता
– पे-बैंड तीन 7600 से पे-बैंड चार 8700 वालों के लिए ग्रेड पे 7600 में चार साल की सेवा या 13 साल की नौकरी होना जरूरी
– पे-बैंड चार : 8700 से 10,000 वालों के लिए पे-बैंड चार 8700 में सात या नौकरी में 20 साल की सेवा की अनिवार्यता
0 बिहार स्वास्थ्य सेवा संवर्ग (विशेष उपसंवर्ग)
– पे-बैंड तीन 6600 से 7600 वालों को पे-बैंड तीन 6600 में दो साल की सेवा की अनिवार्यता
– पे-बैंड तीन 7600 से पे-बैंड चार 8700 वालों को पे-ग्रेड तीन 7600 में चार साल की सेवा या कुल सर्विस में छह साल की सेवा
– पे-बैंड चार 8700 से 10,000 वालों को पे-ग्रेड चार 8700 में सात साल की सेवा या कुल सर्विस में 13 साल का अनुभव
0 बिहार चिकित्सा सेवा संवर्ग
– पे-बैंड 6600 से 7600 वालों को ग्रेड-पे तीन 6600 में दो साल का अनुभव
– पे-बैंड तीन 7600 से पे-बैंड चार 8700 वालों को ग्रेड पे-7600 में चार साल या कुल सर्विस में छह साल का अनुभव
– पे-बैंड चार 8700 से 10000 वालों को ग्रेड-पे 8700 में सात साल या कुल सेवा में 13 साल का अनुभव
राज्य के 14 अस्थायी निबंधन कार्यालय बने स्थायी
कैबिनेट ने एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में राज्य में कार्यरत 14 अस्थायी अवर निबंधन कार्यालय को स्थायी करने का निर्णय लिया है. इन कार्यालयों में एक-एक पद अवर निबंधक (राजपत्रित), रात्रि प्रहरी और आदेशपाल के नये पदों को बनाने की भी स्वीकृति प्रदान की गयी है. जिन निबंधन कार्यालयों को स्थायी किया गया है, उनमें पकड़ीदयाल (पूर्वी चंपारण), नीमचक बथानी (खीजरसराय, गया), तारापुर (मुंगेर), बलिया (बेगूसराय), पीरो (भोजपुर), मोहनियां (कैमूर), मोतीपुर (मुजफ्फरपुर), रक्सौल (पूर्वी चंपारण), सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा), रजौली (नवादा), सूर्यगढ़ा (लखीसराय), रघुनाथपुर (सीवान), सिंधवलिया (गोपालगंज) और फुलवारीशरीफ (पटना) शामिल हैं.
बिहार शताब्दी निजी जलकूप योजना में बदलाव
लघु जल संसाधन विभाग के अंतर्गत बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना में कुछ अहम बदलाव किये गये हैं. इसके तहत अब आवेदन लघु जल संसाधन विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन किया जा सकता है.
एससी और एसटी को प्राथमिकता दी जायेगी. लघु सीमांत किसानों को खासतौर से प्राथमिकता मिलेगी, लेकिन इसके लिए उनके पास कम से कम 40 डिसमिल जमीन होना अनिवार्य है. एक किसान को एक ही बोरिंग का लाभ मिलेगा. जीपीएस उपकरण की मदद से इन बोरिंग की मॉनीटरिंग की जायेगी. आवेदन करने वालों को जमीन और अन्य किसी संस्थान से लोन नहीं लेने से संबंधित प्रमाण-पत्र देना होगा. आवेदन स्वीकृत होने के 45 दिन के अंदर बोरिंग गाड़नी होगी. इसके बाद अनुदान के रुपये के लिए ऑनलाइन ही दावा करना होगा. 15 दिन में जांच करवाकर अनुदान के रुपये सीधे खाते में चले जायेंगे.
वैशाली जिले के भगवानपुर में सीवी रमण निजी विश्वविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति दी गयी है. इस विश्वविद्यालय की मध्य प्रदेश में दो-तीन और झारखंड में भी दो शाखाएं चल रही हैं.
बिहार में जब तक इस विवि का अपना भवन नहीं तैयार हो जाता, तब तक यह किराये के मकान में संचालित होगा. इसमें विज्ञान, इंजीनियरिंग के अलावा कॉमर्स, लॉ, आईटी, कृषि, कंप्यूटर, आपदा प्रबंधन समेत अन्य विषयों की पढ़ाई होगी.
राज्य के सभी पोलिटेकनिक और इंजीनियरिंग कॉलेज में कार्यरत 24 सहायक और 58
व्याख्याताओं को बिहार लोक सेवा आयोग से प्राप्त अनुशंसा के अंतर्गत नियमित नियुक्ति होने या आदेश जारी होने तक की तिथि से एक वर्ष के लिए विस्तार दिया गया है.
– बीपीएससी में सहायक प्रोग्रामर के पांच अस्थायी पदों के लिए अब नियमित नियुक्ति होगी. इसके लिए बीपीएससी अपने स्तर पर नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरी करेगा.
– अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधीन चलने वाले छात्रावासों में छात्रावासों प्रबंधों के 37 पदों के सृजन की अनुमति मिली है.
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