पटना : चारा घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को रांची स्थित सीबीआइ कोर्ट ने साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनाई है. सजा का एलान होने के बाद उनके ‘जेड’ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. लालू प्रसाद का नाम जेड श्रेणी की सुरक्षा घेरे वाले वीवीआइपी की लिस्ट से नहीं कटेगा. बल्कि, उन्हें हमेशा घेरे रखने वाले सीआरपीएफ के जवानों का सुरक्षा घेरा हटाया जा सकता है. लालू प्रसाद को बेल नहीं मिलने के बाद मौजूदा हालात के अनुसार वह सजायफ्ता हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा में तैनात किये गये सीआरपीएफ के जवानों को हटाया जा सकता है.
जानकारी के मुताबिक, जब वह जेल से बाहर आ जायेंगे, तो उनकी सुरक्षा में फिर से इन जवानों को तैनात किया जा सकता है. जब लालू प्रसाद ही नहीं है, तो आखिर ये जवान किनकी सुरक्षा करेंगे. यह महत्वपूर्ण मुद्दे के आधार पर ही फैसला लिया जा सकता है. वर्तमान में लालू की सुरक्षा में करीब 34 सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं. हालांकि अभी तक इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई और न ही कोई आदेश जारी किया गया है. परंतु प्राप्त सूचना के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के गृह विभाग से लालू की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अपडेट रिपोर्ट मांगी है.
इस रिपोर्ट में मंत्रालय ने यह भी पूछा है कि आखिर यहां से रांची तक उनके सभी सुरक्षा गार्ड्स साथ कैसे जाते हैं.लालू प्रसाद को जो जेड सुरक्षा प्रदान की गयी है, वह केंद्रीय स्तर से ही मिला है. इस वजह से उन्हें जेड सुरक्षा हटाने से जुड़ा फैसला भी केंद्र को ही अंतिम रूप से लेना है. राज्य के स्तर पर इससे संबंधित रिपोर्ट मांगी गयी है. इसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जायेगी. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चूकिं लालू प्रसाद को ही सिर्फ जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है. ऐसे में उनके जेल चले जाने के बाद सुरक्षा कर्मियों की तैनाती किनके इर्द-गिर्द की जायेगी. या, उनके घर पर बेवजह इन्हें तैनात रखने का कोई मतलब नहीं बनता है. क्योंकि उनके परिवार का कोई सदस्य इस जेड श्रेणी की सुरक्षा के अधीन नहीं आता है.
बताया जा रहा है कि उनकी बेल कितने दिनों में होगी, इसका भी फिलहाल कोई निश्चित समय नहीं है. ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवानों को तैनात करके रखने राजद प्रमुख की तरह ही एक मामला सीवान के भाजपा नेता जितेंद्र स्वामी की भी है. उन्हें भी वाय श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था मिली हुई है. परंतु एक मामले में उन्हें सजा होने के बाद उनकी वाय श्रेणी नहीं हटायी गयी है. सिर्फ सुरक्षा घेरा हटा लिया गया है. बीच में एक बार जब वह पेरॉल पर बाहर आये थे, तो उन्हें वाय श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गयी थी. लालू प्रसाद को पहले ‘जेड प्लस’ की सुरक्षा व्यवस्था एनएसजी के कमांडों घेरे के साथ थी. परंतु नवंबर 2017 में इसमें कटौती करते हुए एनएसजी कमांडों घेरा हटाते हुए इसे जेड श्रेणी में तब्दील कर दी गयी थी. इसके बाद से उनकी सुरक्षा श्रेणी जेड स्तर की थी और सीआरपीएफ के जवान का बड़ा समूह उन्हें हमेशा घेरे रहता था.
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