Advertisement
प्रदूषित जल पर सरकार से जवाब-तलब
शुद्ध पानी पीने का अधिकार मूलभूत अधिकार में है शामिल पटना : पटना हाईकोर्ट ने बिहार के बच्चों समेत आम जनजीवन को शुद्ध जल उपलब्ध नहीं कराने पर राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन […]
शुद्ध पानी पीने का अधिकार मूलभूत अधिकार में है शामिल
पटना : पटना हाईकोर्ट ने बिहार के बच्चों समेत आम जनजीवन को शुद्ध जल उपलब्ध नहीं कराने पर राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
अदालत को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया की सूबे के प्राथमिक से विश्वविद्यालय स्तर तक कि पढ़ाई कर रहे बच्चों को स्कूलों एवं कॉलेजों में जो पानी पीने को मिल रहा है, उसमें आर्सेनिक, फ्लोराइड एवं आयरन मिला रहता है. इतना ही नहीं आम लोगों को भी जो पानी पीने को मिल रहा है, उसकी भी स्थिति यही है. शुद्ध पानी पीने का अधिकार लोगों के मूलभूत अधिकार में शामिल है, लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
पटना : कई पंचायतों ने पैसे तो खर्च कर दिये, लेकिन उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र सरकार को नहीं भेजा. ऐसे मामलों पर राज्य सरकार ने क्या कार्रवाई की, इसकी रिपोर्ट छह हफ्ते के भीतर पटना हाइकोर्ट ने मांगी है. नागरिक अधिकार मंच द्वारा इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि जिन पंचायतों द्वारा पैसा देने के बाद भी उपयोगिता प्रमाण पत्र 18 महीना बीत जाने के बावजूद भी नहीं दिया गया है, उसके विरुद्ध राज्य सरकार ने क्या कार्रवाई की. पूरी जानकारी अदालत को अगली सुनवाई पर दी जाये.
फर्जी हस्ताक्षर पर मदरसों को अनुदान, नोटिस
पटना. सीतामढ़ी के जिला शिक्षा पदाधिकारी के हस्ताक्षरयुक्त फर्जी पत्र के आधार पर जिले के 88 मदरसों को अनुदान देने संबंधित मामले में हाइकोर्ट ने मदरसा शिक्षा बोर्ड को नोटिस जारी किया है.
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायाधीश डा. अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने मो. अतकुल्लाह की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
पटना. पटना उच्च न्यायालय ने सीवान जिला से गुमशुदा हुए एक लड़की की बरामदगी नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए छपरा के डीआइजी और सीवान के एसपी को 10 जनवरी को अदालत में तलब किया है.
न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने मंधाता सिंह द्वारा दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि सीवान जिला के रघुनाथपुर थाना क्षेत्र से एक जुलाई 2017 को एक लड़की गायब हो गयी. इस संबंध में रघुनाथपुर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. अदालत को बताया गया की पुलिस लड़की की बरामदगी की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है. अदालत ने पुलिस की निष्क्रियता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डीआइजी और एसपी को अदालत में उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया है.
इंजीनियरों के पदों को भरने की कार्रवाई का ब्योरा दे सरकार
पटना. पटना उच्च न्यायालय ने राज्य के विभिन्न विभागों में इंजीनियरों के रिक्त पड़े पदों को नहीं भरे जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है.
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार इन पदों को भरने के दिशा में की जा रही कार्रवाई की जानकारी अदालत में शपथ पत्र दायर कर स्पष्ट करे. अदालत को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि राज्य के विभिन्न विभागों में 7000 से ज्यादा इंजीनियरों के रिक्त पद पड़े हुए हैं. इन पर रिक्त पदों को भरने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा क्या कारवाई की जा रही है, पता नहीं चल रहा है.
दवा घोटाला मामले की सुनवाई 17 तक टली
पटना. पटना उच्च न्यायालय ने सूबे के ड्रग माफियाओं के खिलाफ दायर लोकहित याचिका की सुनवाई 17 जनवरी तक टाल दी. अदालत ने राज्य सरकार से कहा वह इस मामले में अपना विस्तृत शपथ पत्र 17 जनवरी तक अदालत में दायर कर दें. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा द्वारा दायर लोकहित याचिका पर आंशिक सुनवाई की. यह मामला सूबे के ड्रग माफियाओं के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर दायर किया गया है.
याचिका में कहा गया है कि ऑपरेशन ड्रग माफिया चला कर 27 मई 2017 से 28 मई 2017 तक गोविंद मित्रा रोड स्थित एक दवा सप्लायर के दुकान पर छापेमारी की गयी. इस छापेमारी में वहां से कई तरह की एक्सपायर एवं आपत्तिजनक दवाओं के साथ-साथ बिहार सरकार के अस्पतालों में सप्लाई होने वाली दवा जिस पर नोट फॉर सेल लिखा हुआ था, बरामद हुआ. जांच में पीएमसीएच की गायब दवा मिली.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement