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बिहार : पटना के सिद्धार्थ ने जॉब छोड़ दिया था एग्जाम, बने स्टेट टॉपर

कैट 2017 – आईआईटी मद्रास के छात्र सांई प्रणीत रेड्डी को मिला 100 परसेंटाइल पटना : कॉमन ऐडमिशन टेस्ट यानी (कैट) 2017 के नतीजों को घोषित कर दिया गया है. बीस छात्रों को सौ परसेंटाइल प्राप्त हुआ है. आईआईटी मद्रास के छात्र और मूलरूप से आंध्रप्रदेश के रहने वाले साई प्रणीत रेड्डी, सूरत के मीत […]

कैट 2017 – आईआईटी मद्रास के छात्र सांई प्रणीत रेड्डी को मिला 100 परसेंटाइल
पटना : कॉमन ऐडमिशन टेस्ट यानी (कैट) 2017 के नतीजों को घोषित कर दिया गया है. बीस छात्रों को सौ परसेंटाइल प्राप्त हुआ है. आईआईटी मद्रास के छात्र और मूलरूप से आंध्रप्रदेश के रहने वाले साई प्रणीत रेड्डी, सूरत के मीत अग्रवाल, थाणे के पैट्रिक डिसूजा विशाल वोहरा के अलावा 16 छात्र सौ परसेंटाइल प्राप्त करने वालों की सूची में शामिल हैं.
इस 20 छात्रों में दो महिलाएं व तीन नॉन इंजीनियरिंग प्रोफाइल के भी छात्र शामिल हैं. जबकि आईएमएस पटना के सिद्धार्थ कुमार को बिहार में सबसे ज्यादा परसेंटाइल प्राप्त हुआ है. ज्ञात हाे कि कैट के परिणाम को सोमवार को जारी किया गया. इस साल 20 प्रतिभागियों ने कुल 100 परसेंटाइल अंक हासिल किये हैं. गत 26 नवंबर को देश के 140 शहरों में इस टेस्ट का आयोजन किया गया था.
-जॉब छोड़ दिया था एग्जाम: सिद्धार्थ कुमार ने कैट 2017 में 99.75 परसेंटाइल हासिल किया है. सिद्धार्थ ने बताया कि इससे पहले 2016 में भी उन्होंने कैट में हिस्सा लिया था, तब उनको 94 परसेंटाइल हासिल हुआ था. इस कारण उन्होंने किसी दूसरे मैनेजमेंट संस्थान में नामांकन लेना उचित नहीं समझा. वह कहते हैं, अपने पिछले प्रदर्शन से खुश नहीं थे और इसलिए उन्होंने दुबारा इस एग्जाम में बैठने का निश्चय किया. 2016 में मेरा पहला प्रयास था लेकिन दूसरा प्रयास मेरे लिए ज्यादा सफल रहा.
-पंजाब में की है स्टडी
सिद्धार्थ ने अपनी बारहवीं तक की स्टडी पंजाब के कपूरथला से पूरा किया है. जहां उनके पिता संजय कुमार बैंक अधिकारी के रूप में कार्यरत थे. सिद्धार्थ कहते हैं, एनआईटी में स्टडी करने के बाद भी फाइनेंस में शुरू से रुचि रही है. जिसके बाद उन्होंने कैट देने का फैसला किया. मेरा उद्देश्य एचआर में कैरियर बनाने का है.
एनआईटी के छात्र रहे हैं सिद्धार्थ
कैट 2017 में शामिल होने से पहले सिद्धार्थ ने अपनी जाॅब को छोड़ दिया था. मूल रूप से नवादा के निवासी सिद्धार्थ ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर से 2011-15 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक भी किया है और कैट देने से पहले वह पुणे में फिएट इंडिया में जॉब कर रहे थे.
वह कहते हैं, कैट को क्लियर करने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ कर तैयारी करने का फैसला किया और पूरी तरह से पढ़ाई में जुट गये. अपने स्कोर के बारे में बातचीत करते हुए वह कहते हैं, मुझे और ज्यादा अंक आने की उम्मीद थी चूंकि एक बार मैं इस टेस्ट में शामिल हो चुका था. इसलिए इस बार तैयारी पर ध्यान रहा और थोड़ी अासानी महसूस हुई. इस वजह से स्कोर बेहतर रहा.

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