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बिहार : कोर्ट का फैसला स्वीकार, समर्थक शांति-भाईचारा बनाये रखें : राबड़ी
पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के जेल जाने के बाद रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपने समर्थकों से शांति व भाईचारा बनाये रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता मनोबल गिरा कर नहीं रखें. कोर्ट का जो भी निर्णय है, उसे उनका परिवार स्वीकार करता है. आगे भी जो न्याय मिलेगा, […]
पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के जेल जाने के बाद रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपने समर्थकों से शांति व भाईचारा बनाये रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता मनोबल गिरा कर नहीं रखें. कोर्ट का जो भी निर्णय है, उसे उनका परिवार स्वीकार करता है.
आगे भी जो न्याय मिलेगा, उसका स्वागत किया जायेगा. कोर्ट जो कहेगा, वह मानना ही पड़ेगा. उन्होंने लालू प्रसाद की सेहत को लेकर चिंता जतायी और कहा कि वह दवा पर रहते हैं. सुबह-शाम दवा लेते हैं. दवा को लेकर कोर्ट में भी अर्जी दी गयी थी. पता नहीं उसका क्या हुआ. लालू प्रसाद के हर्ट का ऑपरेशन भी हुआ है. वह अपने से दवा भी नहीं खाते हैं. वहां कैसे दवा लेते हैं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. कोर्ट के फैसले से जनता में निराशा है. पर मन में यह आशा है कि ‘साहेब’ को न्याय मिलेगा. भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं है.
लालू के साथ है कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा है कि संकट की घड़ी में कांग्रेस लालू प्रसाद के साथ है. उन्होंने कहा कि लालू के जेल जाने से विपक्ष को झटका लगा है, लेकिन यह स्थायी नहीं है. लालू प्रसाद को न्यायालय पर पूरा भरोसा है. उन्हें न्याय मिलेगा. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया है.
ऊपरी अदालत से न्याय
पूर्व सांसद शरद यादव ने कहा कि लालू प्रसाद को ऊपरी अदालत में न्याय मिलेगा. उनके लिए न्याय के दरवाजे खुले हैं. उन्हें पूरी आशा है कि जिस केस में वे दोषी करार दिये गये हैं, उसमें उन्हें ऊपरी अदालत में न्याय मिलेगा.
संन्यास से पतन के बाद विवेक नष्ट हो जाता है
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बेनामी संपत्ति के समर्थन की राजनीति के लिए संन्यास तोड़ने वाले एक नेता अब महसूस कर रहे हैं कि 21 साल पहले लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले में जनहित याचिका दायर कर उन्होंने पाप किया था. दरअसल, पाप तो वे अब कर रहे हैं.
संन्यास से पतन के बाद पाप-पुण्य का विवेक नष्ट हो जाता है. चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद सहित जिन 16 लोगों को दोषी पाया गया, उनमें से 8 अभियुक्त (50%) ऊंची जातियों के हैं. जगन्नाथ मिश्र समेत जिन 8 लोगों को बरी किया, उनमें 4 (50 %) दलित-पिछड़ी जातियों के हैं. तथ्यों से आंख मूंद कर राजद के लोग आरोप लगा रहे हैं
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