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बिहार बोर्ड : प्रयोग में ही बीत गया पूरा साल

रिजल्ट पेडिंग और मॉर्क्सशीट में गड़बड़ियों के कारण परेशान रहे छात्र अनुपम कुमारी पटना : वर्ष 2017 बिहार बोर्ड और उसके परीक्षार्थियों के लिए एक्सपेरीमेंट्स के रूप में रहा. लाख प्रयासों के वाबजूद बोर्ड द्वारा टॉपर घोटाला जैसी घटनाओं पर लगाम नहीं लगा पायी. 2016 के टॉपर घोटाले के बाद बिहार बोर्ड के चेयरमैन आनंद […]

रिजल्ट पेडिंग और मॉर्क्सशीट में गड़बड़ियों के कारण परेशान रहे छात्र
अनुपम कुमारी
पटना : वर्ष 2017 बिहार बोर्ड और उसके परीक्षार्थियों के लिए एक्सपेरीमेंट्स के रूप में रहा. लाख प्रयासों के वाबजूद बोर्ड द्वारा टॉपर घोटाला जैसी घटनाओं पर लगाम नहीं लगा पायी. 2016 के टॉपर घोटाले के बाद बिहार बोर्ड के चेयरमैन आनंद किशोर द्वारा बोर्ड में सुधार के लिए कई एक्शन प्लान तो बनाये गये, लेकिन कोई विशेष सुधार होता नहीं दिखाई दिया.
उलटे परीक्षार्थियों को इसका खामियाजा रिजल्ट पेडिंग और मॉर्क्सशीट से लेकर प्रमाण पत्रों में हुई गड़बड़ियों के रूप में झेलने को मिला. न तो स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो पाया और न ही बोर्ड के परीक्षा और रिजल्ट देने का सिस्टम ही सुधर पाया.
उपलब्धियां
-परीक्षार्थियों को बार-बार बोर्ड कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े, इसके लिए बिहार बोर्ड की ओर से ऑनलाइन ग्रिवासं रिड्रेसल सिस्टम तैयार किया जा रहा है. इसके जरिये बिहार बोर्ड के छात्र बोर्ड या स्कूल से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकेंगे. -इसके अलावा वर्ष 1986 से 2016 तक विद्यार्थियों के प्रमाण-पत्र भी ऑनलाइन किया गया है.
साथ ही प्रमाण-पत्रों को डाउनलोड से लेकर उनका वेरीफिकेशन किया गया है. ऑनलाइन माध्यमिक शिक्षक डायरेक्टरी भी तैयार की गयी है.
-समिति के कैंपस में 53 हजार 500 स्कावयर फिट एरिया में जी-प्लस फोर प्रशासनीक भवन बनाया जा रहा है. भवन हाईटेक और माड्यूलर कार्यालय के रूप में बनाया जा रहा है. प्रत्येक प्रमंडल में बनने वाला परीक्षा भवन भी सीधे प्रशासनिक भवन से जुड़ा रहेगा. विडियोक्रांफ्रेसिंग की भी सुविधा होगी.
-समिति की ओर से प्रत्येक प्रमंडल में परीक्षा भवन बनाया जाना है. परीक्षा केंद्र पूरी तरह से सीसीटीवी व वेवकास्टिंग सिस्टम से प्रशासनिक भवन से जुड़ा होगा. परीक्षा के दौरान या उसके बाद सीधे प्रशासनिक भवन से माॅनीटरिंग कर सकेंगे. प्रमंडल वाइज अलग से क्षेत्रीय कार्यालय भी खोला गया है.
नाकामी
-पूरे बिहार भर के स्कूलों में न तो कंप्यूटर है अौर न ही कंप्यूटर शिक्षक. पर बोर्ड की अोर से रजिस्ट्रेशन फार्म भरने से परीक्षा फार्म ऑनलाइन भरवाया जा रहा है. इसमें कई तरह की गड़बड़ियों की शिकायत भी मिली.
-बोर्ड द्वारा बोर्ड परीक्षा से लेकर टीइटी परीक्षा और संविदा आधारित मल्टी टॉस्टकिंग एमटीएस परीक्षा में डाटा चोरी करने और अभ्यर्थियों को पास कराने के नाम पर पैसे की मांग करने जैसे मामले भी इस वर्ष चर्चा में रहा.
-सिमुलतला आवासीय विद्यालय के इंट्रेस परीक्षा और टीईटी परीक्षा में 40 प्रश्न गलत पूछे जाने और गलत मार्किंग करने के नाम पर भी बिहार बोर्ड की खूबबदनामी हुई.
उम्मीदें
बोर्ड की ओर से वर्ष 2019 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें पूरे सिस्टम को पेपरलेस बना दिया जायेगा. सभी काम कंप्यूटर के जरिये आॅनलाइन कर दिया जायेगा. किसी भी कार्य के लिए कार्यालय में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वहीं, 2019 की परीक्षा में बच्चों का आधार से लिंक होगा.

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