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बिहार बंद पर जमकर सियासत, पक्ष-विपक्ष में हुई तकरार

राजद की ओर से गुरुवार को प्रदेश में बालू-गिट्टी संकट को लेकर बंद आहूत किया गया था. इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर बयानबाजी हुई. सत्ताधारी दलों ने जहां इसे अनुचित बताया, वहीं राजद ने बंद को सफल बताते हुए इसे जायज ठहराया. गरीबी नहीं, गरीबों को हटाने का काम कर रही […]

राजद की ओर से गुरुवार को प्रदेश में बालू-गिट्टी
संकट को लेकर बंद आहूत किया गया था. इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर बयानबाजी हुई. सत्ताधारी दलों ने जहां इसे अनुचित बताया, वहीं राजद ने बंद को सफल बताते हुए इसे जायज ठहराया.
गरीबी नहीं, गरीबों को हटाने का काम कर रही सरकार : तेजस्वी
नेता विरोधी दल व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य सरकार गरीबी नहीं, गरीबों को हटाने की नीति पर काम कर रही है. बालू-गिट्टी संकट के कारण लोगों का रोजगार छीन गया. मजदूर पलायन करने को मजबूर हैं. लोगों के सामने भूखमरी की स्थिति है. उन्होंने कहा कि गरीब, मजदूर, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित, महादलित के साथ राजद है.
राजद शुरू से ही गरीबों की लड़ाई लड़ रही है. बिहार बंद को लेकर डाकबंगला चौराहा पर विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने कहा कि बालू की कमी से सारे निर्माण कार्य प्रदेश में ठप हैं. सरकार ने कंफ्यूजन पैदा करवाने के लिए मुख्य सचिव से स्टेटमेंट दिलाने का काम किया, ताकि बिहार बंद विफल हो जाये. लोगों को गुमराह किया गया. उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझना चाहिए कि अब गरीब जनता यह सब नहीं सहेगी. उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि सीएम बेरोजगार, मजदूर, नौजवान की बात नहीं करेंगे. वे केवल इवेंट मैनेजमेंट करेंगे. अगर सरकार ने गलती नहीं की थी तो वे क्यों अपने निर्णय पर यू-टर्न हो गयी. नीतीश कुमार को लोगों से माफी मांगनी चाहिए. अब विकास की जगह विनाश की चर्चा हो रही है. वे अब अंतिम दौर में चल रहे हैं. अब उन्हें सत्ता नहीं मिलनेवाली है. भाजपा ही उन्हें सब सिखायेगी.
बिहार बंद में राजद ने दिखायी अराजकता वाली झलक : संजय सिंह
जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि बिहार बंद में राजद ने अपनी 15 साल वाली अराजक वाली झलक दिखायी. उसी तरह से आरजेडी के गुंडे सड़कों पर गुंडागर्दी करते रहे.
लोगों को मारते-पीटते रहे, गाड़ियां और कारों को तोड़ते रहे. राजद ने बिहार बंद के दौरान यह दिखा दिया कि उनकी गुंडागर्दी पर एकाधिकार है. वो इसी तरह से अपनी गुंडागर्दी लोगों के सामने पेश करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि ये बंद बिहार सरकार के खिलाफ नहीं था, ये बंद बिहार के आम लोगों के खिलाफ था. इस बंद को आम लोगों ने पूरी तरह से नकार दिया है.
उन्होंने कहा कि राजद का नाम बदलकर अराजक पार्टी रख लेना चाहिए, क्योंकि जिस तरह से बंद के नाम पर राजद के गुंडों ने अराजकता फैलाई है, उसमें कई मासूम लोकी जान चली गयी. गांधी सेतु पर जिस तरह से राजद के गुंडों ने तांडव मचाया, उससे एक महिला मरीज की जान चली गयी. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की तरफ से कहा गया था कि ट्रेन और एंबुलेंस को बंद में किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जायेगा, लेकिन एंबुलेंस में महिला मरीज की जान गयी, वहीं दूसरी तरफ कई जगहों पर ट्रेन को भी रोका गया.
समाज में तनाव पैदा करने की राजनीति है लालू की : आरसीपी
राजद के बिहार बंद को लेकर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद की राजनीति समाज में बदलाव लाने की नहीं बल्कि छोटी-छोटी बातों को लेकर समाज में तनाव पैदा करने की है.
उन्होंने कहा कि राजद ने बिहार बंद का आह्वान किया है, जबकि जदयू द्वारा समाज में बदलाव के लिए अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जदयू के कार्यकर्ता यह जानकारी ले रहे हैं कि उनके घर-परिवार और आसपास में किसी को हर्ट अटैक होता है तो उसकी जान कैसे बचायी जाये. दूसरी ओर राजद के कार्यकर्ता जीवन-मौत से जूझ रहे मरीजों की एंबुलेंस रोक रहे हैं.
जदयू के विभिन्न प्रकोष्ठों के प्रशिक्षण शिविर के दौरान गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में आरसीपी सिंह ने कहा कि राजद द्वारा बालू-गिट्टी को लेकर बिहार बंद किया गया. यह मामला अभी अदालत में है. दरअसल में राजद का अवसर आने पर असली चेहरा सामने आ जाता है. लालू प्रसाद डिस्परेट और हताश हैं. वह सत्ता से बाहर हैं और सत्ता में आने की कोई संभावना भी नहीं है. लालू प्रसाद भ्रष्टाचार के मामले में पहले ही सजायाफ्ता हैं.
मरीजों की मौत पर मांगा जवाब
राजद के बंद को भाजपा ने बताया औचित्यहीन
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा है कि जब राज्य सरकार ने पुरानी नीति पर ही बालू खरीद की बात मान ली, तब राजद के बंद का औचित्य क्या था? बंद के दौरान दो लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है? उन्होंने राजद के बंद को पूरी तरह फ्लॉप करार दिया. उन्होंने कहा कि राजद कार्यकर्ताओं ने बंद के नाम पर उधम मचाया और गुंडागर्दी की.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बंद के दौरान इलाज के लिए जा रहे मरीज की मौत पर दुख व्यक्त किया है. इसके लिए उन्होंने लालू प्रसाद को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि राजद डेढ़ दशक पुराने दिनों की याद ताजा करा रहा है. जबरन बंद और उत्पात मचा राज्य में लोगों के बीच दहशत पैदा कर रहा है, लेकिन जनता ने बिहार बंद को पूरी तरह से नकार दिया.
विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि राजद के बंद को जनता ने नकार दिया. राजद को जब जनता का समर्थन नहीं मिला तो वे जबरदस्ती पर उतारू हो गये. राजद के नेता व समर्थक संवेदनहीन हो गये. सड़कों पर ऑटो व गाड़ियों के शीशे तोड़े गये. बंद के दौरान मरीजों की एंबुलेंस भी रोकी गयी, जिससे कटिहार व हाजीपुर में एक-एक मरीज की मौत हो गयी.
भाजपा के प्रवक्ता राजीव रंजन ने राजद के बंद को जनसमर्थन में फेल और गुंडागर्दी में पास करार दिया. उन्होंने कहा कि बालू माफिया से गठजोड़ कर बुलाया गया बंद ने न केवल असंवेदनशीलता की हद पार की, बल्कि इनकी हरकतों से मानवता भी शर्मसार हुई. राजद की शह पर बालू माफियाओं ने कई जगहों पर अपने ट्रक लगा कर जबरन सड़क जाम की.

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