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बिहार डाटा लीक मामला : फॉर्म भरनेवाली एजेंसियों पर भी शक…जानें पूरा मामला
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के काम पर उठ रहे हैं सवाल साइबर कैफे चलाने वाली एजेंसियाें के जरिये कराया गया रजिस्ट्रेशन पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से डाटा चोरी करने और फर्जी तरीके से अभ्यर्थियों को मोबाइल नंबर पर फोन कर नंबर बढ़ाने के मामले में जहां, एक ओर समिति ने बीते […]
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के काम पर उठ रहे हैं सवाल
साइबर कैफे चलाने वाली एजेंसियाें के जरिये कराया गया रजिस्ट्रेशन
पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से डाटा चोरी करने और फर्जी तरीके से अभ्यर्थियों को मोबाइल नंबर पर फोन कर नंबर बढ़ाने के मामले में जहां, एक ओर समिति ने बीते शनिवार को 21 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और तीन कर्मचारियों से पुलिस द्वारा पूछताछ करने के लिए हिरासत में लिये जाने के बाद बोर्ड के कर्मचारी अब बोर्ड के काम काज पर सवाल उठा रहे हैं.
समिति की आेर से परीक्षा फॉर्म भरवाने से लेकर एडमिट कार्ड जारी करने का काम एजेंसी के द्वारा कराया जा रहा है. काम करने वाली एजेंसियां कितनी सक्षम हैं, शायद ही इसकी जांच समिति द्वारा की गयी है. यही कारण कि अाये दिन परिक्षार्थियों के कभी रजिस्ट्रेशन में स्पेलिंग मिस्टेक हो रहे हैं, तो कभी छात्र के एडमिट कार्ड में पूरा का पूरा डिटेल ही गलत भर दिया जा रहा है, जिसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है.
आये दिन सामने आ रहीं हैं गलतियां : समिति की ओर से परीक्षार्थीयों के रजिस्ट्रेशन कराने से लेकर एडमिट कार्ड जारी करने का काम एजेंसी के माध्यम से कराया जा रहा है. यहां तक की परीक्षार्थीयों के फोटो और सिग्नेचर के स्कैनिंग तक एजेंसी के माध्यम से किया जा रहा है. इससे समिति द्वारा कराये जा रहे कार्यों में आये दिन गलतियां निकल रही हैं. हाल में बिहार बोर्ड में मैट्रिक और इंटर का रजिस्ट्रेशन का काम भी अलग-अलग इलाके में कार्यरत छोटे मोटे सइबर कैफे
चलाने वाले एजेंसियों के माध्यम से किया गया है. ऐसे में यदि परीक्षार्थीयों से जुड़ा डाटा चाेरी हो रही है, तो एजेंसी के ऊपर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. रजिस्ट्रेशन कार्य छोटे -मोटे साइबर कैफे चलाने वाले एजेंसी के जरिये किया गया है जिसकी कोई प्रमाणिकता नहीं. जैसे दानापुर में स्किल इंडिया कार्यक्रम चलाने वाली एजेंसी बिहार बोर्ड के बच्चाें का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया गया.
पहचान के लिए जेल में बंद पूर्व के जालसाजों से होगी पूछताछ
पटना : बिहार बोर्ड से उम्मीदवारों का डाटा लीक करने वाले की पहचान के लिए जेल में बंद पूर्व के जालसाजों से पटना पुलिस पूछताछ करेगी. इन जालसाजों को पटना पुलिस ने 11 सितंबर को शेखपुरा के रहिंचा इलाके से गिरफ्तार किया था. ये लोग टीइटी की परीक्षा में पास कराने का दावा कर ठगी कर रहे थे.
पुलिस को शक है कि एमटीएस वाले मामले में भी इसी गिरोह के अन्य सदस्यों का हाथ है. पटना पुलिस ने बिहार प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में नंबर बढ़वाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सात सदस्यों नालंदा, नवादा व शेखपुरा में छापेमारी कर गिरफ्तार किया था.
जिसमें नितीश कुमार (मैरा वरीठ तकरीसाराय, नालंदा), इन्द्रदेव प्रसाद (मैरा वरीठ, तकरीसाराय, नालंदा), टुसी कुमार (रईचा, शेखोपुर,शेखपुरा), कारू पासवान (रईचा, शेखोपुर, शेखपुरा), रंजन कुमार चौधरी (पनहेसा,शेखोपुर, शेखपुरा), बासुदेव चौधरी (पनहेसा, शेखोपुर, शेखपुरा) व धनराज चौधरी (पनहेसा, शेखोपुर, शेखपुरा) शामिल थे. इनलोगों के पास से पुलिस टीम ने कैंडिटेड के नाम व फोन की लिस्ट, 15 मोबाइल, प्रिंटर, पासबुक व लैपटॉप आदि बरामद किया था.
एसएसपी ने दिये आवश्यक दिशा-निर्देश
बिहार बोर्ड के एमटीएस परीक्षा का मामला एसएसपी मनु महाराज की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित क्राइम मीटिंग में भी उठा. इससे एसएसपी ने पूर्व के तमाम जालसाजों से पूछताछ कर इस बात की जानकारी लेने को कहा है कि उन्हें उम्मीदवारों का डाटा कैसे मिलता था.
इसके अलावा शराब तस्करी रोकने, रात्रि गश्ती व वारंटियों को पकड़ने का निर्देश दिया. मीटिंग में एसएसपी ने स्पष्ट कर दिया कि अगर जिस थाने की परफॉरमेंस खराब होगी, उनपर कार्रवाई तय है. पटना जिला के तमाम सिटी एसपी, डीएसपी व थानाध्यक्ष भी उपस्थित थे. जालसाजों से पूछताछ के लिए पटना पुलिस रिमांड पर लेगी.
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