फिर गिरफ्तारी के डर से पूछताछ के लिए गये. अब जब ईडी की ओर से लारा प्रोजेक्ट की तीन एकड़ जमीन जब्त करने के बाद लालू प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव पूछ रहे हैं कि कहां है चार्जशीट? लालू परिवार के खिलाफ चार्जशीट ही दाखिल नहीं होगी, उन्हें सजा भी होगी और जेल भी जाना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि चार्जशीट दाखिल होने का इंतजार करने की जगह तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि बिना किसी वाजिब कमाई के आखिर 28 साल की उम्र में जिस तीन एकड़ जमीन पर 750 करोड़ का बिहार का सबसे बड़ा मॉल बन रहा था वह उसके मालिक कैसे बन गये? सच तो यह है कि जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे तो रेलवे के दो होटलों के एवज में कोचर बंधुओं से वह जमीन प्रेमचंद्र गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग के नाम पर लिखवाई गयी. फिर बाद में मात्र चार लाख रुपये की पूंजी लगा कर राबड़ी देवी और तेजस्वी के नाम से उस जमीन और पूरी कंपनी को ले लिया गया. प्रेमचंद्र गुप्ता ने अपनी कंपनी और पटना के प्राइम लोकेशन की करोड़ों की जमीन लालू परिवार को क्यों सौंप दी?