पटना: अभी कुछ दिनों पहले ही स्वास्थ्य से जुड़े एक निजी संस्थान द्वारा एक आंकड़ा चर्चा में रहा था कि बिहार में 1200 करोड़ रुपये सालाना खर्च केवल निजी स्वास्थ्य सेवाओं पर आम लोगों द्वारा किया जाता है. हालांकि स्वास्थ्य से जुड़े अधिकारियों की माने तो यह आंकड़ा और भी बड़ा हो सकता है. इसका कारण यह है कि आमलोग सरकारी अस्पताल के कुख्यात होने के कारण वहां जाने से डरते हैं और इसका लाभ पहले झोला छाप उठाते हैं और फिर इसके बाद चकाचौंध वाले सो कॉल्ड बड़े अस्पताल मरीजों से पैसा वसूलते हैं.
भारी भरकम राशि वसूलने के कारण आमलोग टूट से जाते हैं. यह इस वजह से भी होता है कि कोई विकल्प यहां आम लोगों के पास है नहीं. अस्पतालों से जुड़ी सही जानकारियां नहीं हैं और न उसकी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति ही सार्वजनिक है. अस्पतालों का कोई डेटाबेस नहीं है, फीस को लेकर कोई पारदर्शिता नहीं, कोई मुकम्मल जानकारी नहीं है. सेवाओं की रेटिंग की तो बात ही छोड़ दीजिए. इस कारण इस दिशा में कोई स्टार्टअप या सरकारी पहल शुरू हो तभी जाकर हमें झोलाछाप और स्वास्थ्य कारोबारियों से मुक्ति मिल सकती है.
माउथ पब्लिसिटी से जुड़ा है बिहार में स्वास्थ्य कारोबार
बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा कारोबार केवल और केवल माउथ पब्लिसिटी से जुड़ा हुआ है. हमने वहां इलाज कराया था तो आप भी जाइए. यह पब्लिसिटी ऐसी है कि जो लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करती है. यह अस्पताल बुरा है, यहां हमारी फैमिली गयी थी तो परेशानी हुई थी और अमुक अच्छा है. वहां फाइव स्टार व्यवस्था थी.
आईआईटी करेगी काम
यह ऐसा आइडिया है जिस पर आईआईटी काम करेगी. प्रभात खबर के इस आइडिया के बाद बिहार की स्वास्थ्य सेवा में व्यापक सुधार आ सकती है. हमारा जो इन्क्यूबेशन सेंटर है, जिसमें कोई भी आवेदन दे सकते हैं. हमारी इवैल्यूशन कमेटी उसे जज कर सेलेक्ट कर सकती है.
अरिजीत मंडल, पीआरओ, आईआईटी पटना
नहीं शुरू हुई पहल
कोई आदमी जिलों से बीमार होकर पटना आता है वह एजेंट के सहारे आता है. यदि ऐसा स्टार्टअप बिहार में शुरू हो तो काफी बेहतर होगा. अबतक मेडिसीन को लेकर शुरू हुआ है अभी तक अस्पतालों को लेकर ऐसी पहल शुरू करने की दरकार है.
-कौशलेंद्र कुमार, पूर्व अध्यक्ष, बिहार आंत्रप्रेन्योर एसोसिएशन
इन पर हो सकती है शुरुआत
प्राइवेट अस्पतालों का डेटाबेस
बीमारी के फीस की पारदर्शी सूची
सेवाओं को लेकर रेटिंग और फीडबैक
डाक्टरों की सूची उनका ट्रैक रिकार्ड
शिकायती बॉक्स और कार्रवाई की जानकारी
महत्वपूर्ण इमरजेंसी नंबर