पटना : हमारे देश की आबादी सवा अरब है लेकिन दस फीसदी पासपोर्ट बनाते हैं. आपको यह जानकर हैरत होगी कि दस फीसदी जो आंकड़ा दस करोड़ से ज्यादा आता है और इसके लिए देश भर में केवल 2000 कर्मचारी ही नियुक्त हैं. हर साल एक करोड़ 25 हजार पासपोर्ट बनते हैं और ये दो हजार कर्मचारी इतने ज्यादा लोगों का पासपोर्ट बनाने का काम करते हैं.
ये बातें हज कमेटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन चौधरी महबूब अली कैसर ने कही. वे चैंबर भवन में देश भर के पासपोर्ट के कर्मचारियों के 16 वें राष्ट्रीय कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. चौधरी महबूब अली कैसर ने अागे कहा कि इनके आधारभूत समस्याओं को लेकर परेशानी है, वे विदेश मंत्रालय से सभी समस्याओं का समाधान कराने की दिशा में काम करेंगे. सांसद सह केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि पासपोर्ट के कर्मियों की समस्याओं का समाधान हर हाल में होना जरूरी है. इनके संसाधन कम हैं, हम केंद्र सरकार का इस संबंध में ध्यानाकर्षण करेंगे.
अधिकारियों को प्रोन्नति नहीं, ट्रांसफर में भी परेशानी
ऑल इंडिया पासपोर्ट स्टाफ एसोसिएशन के महासचिव अंतर्यामी राय ने कहा कि अधिकारियों की प्रोन्नति नहीं हो रही है. काम की अधिकता और कर्मचारियों की इतनी कमी है कि छुट्टी लेने में भी परेशानी होती है. पीपीपी मोड पर बेहतर केंद्र चल रहे हैं लेकिन पोस्ट ऑफिस में खोले गये पीओपीएसके की हालत खराब है. स्थानांतरण में भी परेशानी होती है.
इसकी नीति पारदर्शी नहीं रखी जा रही है. संजय कुमार वर्मा ने कहा पासपोर्ट लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. चैंबर अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि पासपोर्ट की वेबसाइट इतनी अच्छी है कि व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी की वेबसाइट भी उसी तरह होनी चाहिए. पासपोर्ट एसोसिएशन के गोपाल ने बताया कि कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार को चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी और देश भर से आये कर्मचारी विमर्श करेंगे.