पटना : बिहार सरकार ने अपनी नयी उद्योग नीति में कई सुधार किया है. इससे यहां निवेश का नया माहौल बना है. सिंगल विंडो सिस्टम शुरू होने से उद्योग लगाने की प्रक्रिया आसान हुई है. उद्योग लगाने के लिए 2000 एकड़ जमीन उपलब्ध है. जरूरतमंद निवेशकों की मांग पर प्रदेश सरकार उन्हें यह जमीन दे सकती है. यह जानकारी उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने लुधियाना में आयोजित एपारेल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एईपीसी) के साथ मीटिंग के दौरान उद्योगपतियों को दी.
डॉ एस सिद्धार्थ ने कहा कि बिहार में स्किल्ड लेबर उपलब्ध हैं. निवेशकों की सहूलियत के लिए बिहार सरकार ने सिंगल विंडो सिस्टम लांच किया है. इसके द्वारा निवेशक अपना प्रस्ताव कहीं से भी आसानी से भेज सकते हैं. सरकार से सहमति भी ऑनलाइन ही मिलेगी. उद्योग लगाने के लिए अलग-अलग विभागों से क्लीयरेंस लेने की भी समयसीमा निर्धारित कर दी गयी है.
ऐसे में अब निवेशकों को बिहार में निवेश करने की सभी जटिलताएं दूर कर दी गयी हैं. इन्वेस्टमेंट कमिश्नर आरएस श्रीवास्तव ने कहा कि पूरी दुनिया से बिहार में निवेश करने का प्रदेश सरकार इंतजार कर रही है. यहां बिजली उपलब्धता में बहुत सुधार हुआ है. इस समय यह प्रदेश भर में 22 घंटे से ज्यादा रहती है. यहां की जनसंख्या 11 करोड़ है और यहां बहुत बड़ा घरेलू बाजार है. इस कार्यक्रम में देश भर के 50 से अधिक एपारेल एक्सपोर्टर शामिल हुए.
निवेशकों ने मांगी रियायती दर पर 70 एकड़ जमीन
इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि बिहार सरकार के प्रतिनिधियों के साथ केजी स्पोर्ट्स ने प्रदेश में निवेश की इच्छा जताई. उसके निदेशक हरीश दुआ ने कहा कि उनके साथ कुल 20 निवेशक प्रदेश में उद्योग लगाने के इच्छुक हैं. इसके लिए उन्होंने रियायती दर पर 70 एकड़ जमीन की मांग की. डॉ एस सिद्धार्थ ने उन्हें पूरी मदद करने का आश्वासन दिया गया. साथ ही उनसे कहा गया है कि वे अपना प्रस्ताव प्रदेश सरकार के पास भेज दें. सरकार उनके प्रस्तावों पर विचार करेगी और सभी जरूरी मदद दी जाएगी. केजी स्पोर्ट्स का सालाना टर्नओवर करीब 100 करोड़ रुपए है. इस प्रस्ताव पर सहमति बनने से करीब 35 हजार लोगों के लिए रोजगार का अवसर पैदा हो सकता है. कार्यक्रम में कई नामी-गिरामी कंपनियां शामिल हुईं.