पटना जिले के छह लाख बच्चों में से 50 हजार बच्चों को भी नहीं मिले पहले दिन अंडा व फल
अनुपम कुमारी
पटना : राजकीय नवीन मध्य विद्यालय के बच्चों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी. यह खुशी उनके भोजन (मिड डे मील) की थी. इसमें उन्हें छोला और चावल के साथ-साथ पहली बार अंडा भी परोसा गया था. जो बच्चे अंडा नहीं खाते थे, उनके लिए सेब और केला की व्यवस्था थी.
पर पटना जिले के 3,151 विद्यालयों में से यह इकलौता विद्यालय ही रहा, जहां शुक्रवार को बच्चों को बदले मेनू के मुताबिक फल और अंडा खिलाया गया. आखिर हो भी क्यों न यहां बच्चों को खाना परोसने खुद एमडीएम के निदेशक विनोद कुमार सिंह जो पहुंचे थे.
प्रभात खबर की ओर से एमडीएम के बदले हुए मेनू की जब पड़ताल की गयी, तो कुछेक विद्यालयों को छोड़ सभी में सामान्य मेनू के मुताबिक ही बच्चों को खाना परोसा गया. फल में केवल केला ही दिया गया.
अलग-अलग बहाने बना झाड़ लिया पल्ला : अंडा और फल तो दूर, विद्यालयों में बदले मेनू तक की जानकारी का अभाव दिखा. जी हां,बच्चों को पौष्टिक आहार देने के उद्देश्य से शुक्रवार को सभी सरकारी विद्यालयों में बच्चों को अंडा और फल दिया जाना था.
पर 90 फीसदी विद्यालयों में बच्चों को अंडा और फल नहीं मिल सका. कहीं पर विद्यालयों ने जानकारी नहीं होने की बात कही, तो कहीं पैसे नहीं मिलने की बात कह कर, तो कहीं अचानक से छुट्टी काट कर विद्यालय आने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया गया. कुछ विद्यालय तो ऐसे भी दिखे, जहां बच्चों को अंडे की जगह पर केला देकर ही काम चला लिया गया. साथ ही विद्यालय में अंडा नहीं खिलाने की बात भी कह डाली.
इन विद्यालयों में रही आधी-अधूरी तैयारी
कुछ शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में बच्चों को अंडा और फल तो दिया गया, पर वहां भी तैयारी आधी-अधूरी ही दिखी. कन्या मध्य विद्यालय अदालतगंज में जहां, 240 बच्चे उपस्थित थे. वहां, 200 अंडे ही बांटे गये.
इससे 40 बच्चों को बिना अंडा के ही काम चलाना पड़ा. वहीं, राजकीय मध्य विद्यालय राजापुर मैनपुरा में तो मेनू से अंडा और फल पूरी तरह से गायब ही दिखे. पुराने मेन्यू के मुताबिक बच्चों को छोला और चावल से काम चलाना पड़ा. यहां तक की विद्यालय के प्राचार्य विद्यालय से गायब भी दिखीं. राजकीय कन्या मध्य विद्यालय अदालत गंज में बच्चों को अंडा खिलाने की बात से ही इन्कार कर दिया गया. बस उन्हें बदले मेन्यू के मुताबिक एक-एक केला दे दिया गया.
पत्र लिख कर दी गयी थी सभी विद्यालयों को सूचना
विभाग के निर्देशानुसार सभी विद्यालयों को पत्र लिख कर इसकी सूचना दी गयी थी. इसके लिए प्रति बच्चे पांच रुपये भी दिये जाने हैं. पर विभाग द्वारा अभी इसके लिए विद्यालयों को राशि नहीं भेजी गयी है.
विद्यालय को अपने फंड से इसे शुक्रवार से शुरू किये जाने का निर्देश दिया गया था. पर विद्यालयों में इसकी तैयारी भी नहीं दिखी. पटना जिले में करीब छह लाख 41 हजार बच्चे प्रारंभिक विद्यालयों में नामांकित है. पर मेनू के पहले दिन 50 हजार बच्चाें को भी अंडा और फल नसीब नहीं हो सका है.
मध्याह्न भोजन का बदला मेनू
सोमवार चावल, मिश्रित दाल व हरी सब्जी
मंगलवार जीरा चावल, सोयाबीन और आलू की सब्जी
बुधवार खिचड़ी (हरी सब्जी युक्त), चोखा,
गुरुवार चावल, मिश्रित दाल व हरी सब्जी
शुक्रवार पुलाव, छोला व सलाद, अंडा, केला या मौसमी फल
शनिवार खिचड़ी (हरी सब्जी युक्त), चोखा
— पांचवीं कक्षा के बच्चों के लिए प्रति बच्चा चार रुपये 13 पैसा
— छठी से आठवीं के बच्चों के लिए प्रति बच्चा 6.18 रुपये की राशि
— फल और अंडा के लिए अलग से पांच रुपये का प्रावधान
बच्चों ने अंडा खाने से किया इन्कार
हमारे यहां बच्चों को बदले मेनू के मुताबिक एक-एक केला दिया गया. विद्यालय के बच्चों ने अंडा खाने से इन्कार कर दिया, क्योंकि विद्यालय में सरस्वती की पूजा होती है. वहां अंडा या मांसाहारी भोजन अच्छा नहीं माना जाता.
नृपेंद्र कुमार, सहायक शिक्षक, राजकीय कन्या मध्य विद्यालय, अदालतगंज
अंडा और फल कम पड़ गये
हमारे यहां मेनू के मुताबिक बच्चों को अंडा और फल दिया गया है. लेकिन, अचानक बच्चों की उपस्थिति अधिक हो जाने से अंडा और फल कम पड़ गये.
आसिफ कुमार मिश्रा, प्रधानाध्यापक, कन्या मध्य विद्यालय
अदालतगंज, वाटर टावर
अगले शुक्रवार से अनिवार्य रूप से लागू
आज से नये मेनू के मुताबिक स्कूलों में अंडा और फल शामिल किया गया है. पहले दिन स्थिति अच्छी नहीं रही, लेकिन अगले शुक्रवार से इसे अनिवार्य रूप से लागू किया जायेगा.
संगीता गिरी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक
जिला मध्याह्न भोजन