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प्याज और टमाटर के कीमतों में तेजी पर रामविलास पासवान ने दी सफाई, पढ़ें

पटना / नयी दिल्ली : उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने आज कहा कि प्याज और टमाटर की कीमतों में मौजूदा तेजी है मौसमी है और विभिन्न उत्पादक राज्यों से यह फसल जल्द ही बाजार में आना शुरु होगी जिसके बाद सप्ताह भर में स्थिति सामान्य होगी. सरदार पटेल की वर्षगांठ के मौके […]

पटना / नयी दिल्ली : उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने आज कहा कि प्याज और टमाटर की कीमतों में मौजूदा तेजी है मौसमी है और विभिन्न उत्पादक राज्यों से यह फसल जल्द ही बाजार में आना शुरु होगी जिसके बाद सप्ताह भर में स्थिति सामान्य होगी. सरदार पटेल की वर्षगांठ के मौके पर देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखने का संकल्प लेते हुए पासवान ने कहा कि प्याज की जल्द तैयार होने वाली किस्में दिल्ली की मंडियों में आने लगी हैं तथा विभिन्न प्याज उत्पादक राज्यों में यह फसल निकाली जा रही है जो जल्द ही बाजार में आनी शुरु होगी तथा प्याज की देर से तैयार होने वाली किस्मों की उपज जनवरी से बाजार में आने लगेगी और अभी सप्ताह भर में स्थिति सामान्य होने की दिशा में बढ़ने लगेंगी.

पासवान ने कहा, टमाटर और प्याज की कीमत में वृद्धि मौसमी है. प्याज की नयी फसल की आवक में सुधार होने के साथ एकाध सप्ताह में कीमतें कम होना शुरू हो जायेंगी। उन्होंने कहा कि बाजार में अक्तूबर से जल्दी तैयार होने वाली किस्मों का मंडियों में आवक शुरू हो चुकी है. व्यापार के आंकडों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की खुदरा कीमत 51 रुपये किलो चल रही है जबकि टमाटर की कीमत 80 रुपये किलो है. मदर डेयरी के बिक्री केंद्र में प्याज 47 रुपये किलो बिक रहा है और टमाटर की कीमत 70 रुपये किलो है.

सरकारी आंकडों के अनुसार प्याज की औसत खुदरा कीमत अखिल भारतीय स्तर पर 33 रुपये और टमाटर का 45 रुपये किलो का है. उक्त सब्जियों को छोड़कर चावल और गेहूं जैसे अन्य आवश्यक जिसों की कीमतें स्थिर चल रही हैं. उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने कहा कि प्याज की जल्द तैयार होने वाली किस्म की ऊपज मंडियों में आने लगी हैं तथा राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे उत्पादक राज्यों में ताजा फसल को निकाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्याज की जल्द तैयार होने वाली किस्मों के खेती के रकबे में 25 प्रतिशत की कमी होने की वजह से प्याज की कीमतें दवाब में हैं. लेकिन प्याज की खरीफ फसल और देर से तैयार होने वाली खरीफ फसल का रकबा कहीं बेहतर है और उत्पादन भी बेहतर होने की संभावना है.

उन्होंने कहा कि अब खरीफ प्याज की जल्द तैयार होने वाली किस्म और प्याज की खरीफ फसल मंडियों में आने लगी हैं जबकि खरीफ प्याज की देर से तैयार होने वाली किस्मों का बाजार में जनवरी से आना शुर होगा और आने वाले दिनों में आवक की मात्रा में सुधार होगा. टमाटर के बारे में खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि कर्नाटक में बरसात होने के कारण आपूर्ति की दिक्कतों की वजह से देश की राजधानी और देश के कुछ अन्य भागों में टमाटर की कीमतों में तेजी है. कर्नाटक देश में टमाटर का प्रमुख उत्पादक राज्य है. किसान बरसात की वजह से इसे बाहर नहीं भेज पा रहे हैं लेकिन अगले 10 .. 15 दिनों में टमाटर की आपूर्ति और इसकी कीमतों में सुधार आने की संभावना है.

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