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शराब पीने और बेचनेवालों की सूचना जीविका समूहों को नहीं

शराबबंदी के बाद जीविका समूहों को जिम्मेदारी दी गयी कि वह इसके खिलाफ अभियान चलाएं करीब डेढ़ साल बीतने के बाद जीविका समूहों का स्वर पड़ गया धीमा पटना : वह दिन था नौ जून 2015. जीविका सदस्यों से खचाखच भरे पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में भीड़ के बीच से कुछ महिलाएं खड़ी हुई […]

शराबबंदी के बाद जीविका समूहों को जिम्मेदारी दी गयी कि वह इसके खिलाफ अभियान चलाएं
करीब डेढ़ साल बीतने के बाद जीविका समूहों का स्वर पड़ गया धीमा
पटना : वह दिन था नौ जून 2015. जीविका सदस्यों से खचाखच भरे पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में भीड़ के बीच से कुछ महिलाएं खड़ी हुई और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराबबंदी की मांग की. अवसर था जीविका समूह के दीदियों के कार्यक्रम का.
महिलाओं की मांग के बाद जैसे ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीविका समूहों को संबोधित करने खड़े हुए, बिना विलंब किये उन्होंने घोषणा कर दी कि उनकी अगली सरकार बनती है तो राज्य में शराबबंदी लागू की जायेगा.
नयी सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री ने एक अप्रैल 2016 से देसी शराबबंदी और पांच अप्रैल 2016 से राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी. राज्य में शराबबंदी लागू किये जाने के बाद जीविका समूहों को जिम्मेदारी दी गयी कि वह इसके खिलाफ अभियान चलावें. करीब डेढ़ साल बीतने के बाद जीविका समूहों का स्वर धीमा पड़ गया. उनके शांत होने का ही यह परिणाम है कि रोहतास जैसी घटना हुई जबकि वहां के स्थानीय समूहों को इस घटना के होने की भनक तक नहीं लगी.
42,000 गांवों में है विस्तार
राज्य में 42 हजार गांवों में स्वयं सहायता समूहों का विस्तार है. राज्य में अब तक छह लाख 85 हजार 993 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है.
एक स्वयं सहायता समूह में 12 परिवारों के सदस्य शामिल होते हैं. इस तरह से राज्य में 82 लाख 31 हजार 916 परिवार जीविका समूह से जुड़े हुए हैं. जीविका समूहों द्वारा ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार का काम करता है. गतिविधियों में जवाबदेही दी गयी है कि वह निर्धारित बैठक में शराब को लेकर चर्चा करे.
समूहों को गांव में शराब पीनेवाले, शराब बनानेवाले, शराब बेचनेवालों के बारे में सूचना एकत्र करनी है. साथ ही गांव को शराबमुक्त बनाने की पहल करनी है. आश्चर्य यह है कि रोहतास में जहरीली शराब से पांच की मौत हो गयी. जिले के कच्छवां थाना के दनवार गांव में खुलेआम शराब का निर्माण और बिक्री हो रही थी. वहां की जीविका समूहों को इस बात की भनक तक नहीं लगी. जीविका के पदाधिकारी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि टीम से रिपोर्ट की मांग की गयी है.

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