पटना: गली-मुहल्लों में जहां मन हुआ पूजा-पंडाल लगाना अब आसान नहीं होगा. पूजा-पंडाल व मूर्ति बैठाने के लिए प्रशासन से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. पूजा के बाद विसजर्न के लिए प्रशासन के साथ एकरारनामा भी करना होगा, जिसमें उन्हें रूट चार्ट के साथ शांतिपूर्ण जुलूस व विसजर्न के लिए शपथ पत्र भी देना होगा. गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय को इससे संबंधित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. 21 मई को मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा के साथ गृह विभाग के प्रधान सचिव व डीजीपी की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.
1990 से पहले भी लेनी होती थी अनुमति
गृह विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 1990 से पहले पूजा आयोजकों को प्रशासन से लाइसेंस लेना पड़ता था. उस समय की तत्कालीन सरकार ने ऐसी व्यवस्था समाप्त कर दी थी.
हाल में मूर्ति विसजर्न के दौरान बढ़ी हिंसा
हाल के वर्षो में पूजा और मूर्ति विसजर्न के दौरान सीतामढ़ी, फुलवारीशरीफ, पटना सिटी, भागलपुर, गया, बिहारशरीफ, अररिया, किशनगंज आदि में सांप्रदायिक व जातीय तनाव तथा उग्र प्रदर्शन जैसी घटनाएं हुईं हैं.