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पटना :आद्री व आईएसएएस के सहयोग से शोध, विकास पर होगा काम
पटना : एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इस्टीच्यूट (आद्री) व सिंगापुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के इंस्टीच्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज (आईएसएए)की ओर से बुधवार को सिंगापुर में गोलमेज सम्मेलन हुआ.‘पूर्वी भारत में विकास का राजनीतिक अर्थशास्त्र’ शीर्षक गोलमेज सम्मेलन में दोनो संस्थानों के बीच व्यापक समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर हुआ. दोनों संस्थानों के सहयोग से शोध,परामर्श व विकास के […]
पटना : एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इस्टीच्यूट (आद्री) व सिंगापुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के इंस्टीच्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज (आईएसएए)की ओर से बुधवार को सिंगापुर में गोलमेज सम्मेलन हुआ.‘पूर्वी भारत में विकास का राजनीतिक अर्थशास्त्र’ शीर्षक गोलमेज सम्मेलन में दोनो संस्थानों के बीच व्यापक समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर हुआ.
दोनों संस्थानों के सहयोग से शोध,परामर्श व विकास के विभन्नि क्षेत्रों में आदान-प्रदान होगा. आद्री के सदस्य सचिव शैबाल गुप्ता ने कहा कि आईएसएएस के साथ यह सहयोग ऐतिहासिक मौका है. इसे हमलोग अपने एकेडमिक कार्यों के मामले में भारत से बाहर बढ़ सकेंगे.इन दोनो संस्थानों के विद्वान संयुक्त रूप से साक्षरता के क्षेत्र सहित कार्यक्रम विकसित कर सकेंगे और मूल्यांकन अध्ययन तथा सर्वेक्षण कार्य हाथ में ले सकेंगे. आईएसएएस के निदेशक प्रो सुब्रत कुमार मित्रा ने नालंदा विश्वविद्यालय और बिहार के साथ सिंगापुर के घनिष्ठ संपर्क की चर्चा की.
उन्होंने भारत का विकास पथ सिंगापुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के विद्वानों के लिए शोध का लुभावना विषय है.इस सम्मेलन में दोनों संस्थानों द्वारा पांच आलेख प्रस्तुत किए गए. सारी प्रस्तुतियां गोलमेज की थीम के आसपास केंद्रित थी.
आद्री स्थित आर्थिक नीति व लोक वित्त केंद्र के प्रबंध संपादक नीरज कुमार ने अपने ‘क्राउचिंग टाइगर, फ्रलाइंग ड्रैगन : बी.सी.आइ.एम. कॉरीडोर इन लिंबो’ शीर्षक आलेख में बंगलादेश, चीन, भारत व म्यंमार कॉरीडोर व उसके ईदगिर्द बनी विदेश नीतियों की चुनौतियों की चर्चा की.
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