राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में 3.23 लाख नियोजित शिक्षक हैं. इनमें से 2.57 लाख शिक्षकों को सर्वशिक्षा अभियान की ओर से राशि दी जाती है, जबकि 66 हजार नियोजित शिक्षकों को राज्य सरकार अपने मद से पूरा वेतन देती है. 66 हजार शिक्षकों को तो अगस्त महीने तक का वेतन मिल चुका है, लेकिन 2.57 लाख नियोजित शिक्षकों मई से जून महीने तक ही वेतन मिला है. हर जिले के सभी प्रखंडों में वेतन भुगतान भी एक समान नहीं है. कहीं जून तक का भुगतान हुआ तो कहीं राशि कम होने के कारण मई तक की ही राशि बांटी गयी है.
कई शिक्षक संगठनों ने शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा से मिल कर दीपावली से पहले बकाया वेतन भुगतान करने का अल्टीमेटम दिया है और वेतन भुगतान नहीं करने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी है. केंद्र सरकार ने जुलाई के अंत में करीब 1136 करोड़ का केंद्रांश सर्वशिक्षा अभियान मद में दिया था. इसमें करीब 500 करोड़ राज्य सरकार राज्यांश के रूप में दी थी. इसके बाद अगस्त महीने में दो माह के लिए करीब 1100 करोड़ रुपये वेतन के रूप में जारी किया गया था.
शिक्षकों का प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में वेतन निर्धारण किया जायेगा. शिक्षा मंत्री ने सभी बच्चों का आधार कार्ड बनाने और बैंक एकाउंट खोल कर उसे आधार से लिंक कराने का भी निर्देश दिया. स्कूली बच्चों को पोशाक, छात्रवृत्ति योजना का लाभ सीधे बैंक एकाउंट में ही देने को कहा गया है.
साथ ही मुख्यमंत्री परिभ्रमण योजना में बच्चों को क्या-क्या लाभ मिल पा रहा है, उसकी भी जानकारी मांगी है. बैठक में 1773 भूमिहीन व भवनहीन स्कूलों को भवन वाले दूसरे स्कूलों में मर्ज करने की कार्रवाई जल्द से जल्द करने को कहा गया. इसके अलावा प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी गरीब तबके के बच्चों के नामांकन का लाभ मिल रहा है या नहीं? सभी सरकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण नियमित हो और जो शिक्षक समय पर स्कूल नहीं आते हैं या बिना सूचना गैर हाजिर पाये जाते हैं उन पर कार्रवाई की जाये. बैठक में किशनगंज जिले में नियोजित शिक्षकों के वेतन की राशि घट जाने का मामला भी उठा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब पर्याप्त राशि दी गयी थी, तो फिर कैसे राशि घट गयी. इसकी जांच का उन्होंने आदेश दिया. बैठक में प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम. रामचंद्रुडू, उपनिदेशक दीपक कुमार, बिहार शिक्षा परियोजना के राजीव रंजन समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.