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राज्य में रियल इस्टेट का कारोबार सुस्त पड़ा
पटना. सूबे में रियल इस्टेट कारोबार की रफ्तार सुस्त पड़ गयी है. राज्य में रेरा कानून लागू होने के बाद तीन महीने बाद भी एक भी अपार्टमेंट का निबंधन नहीं किया गया है. शास्त्री नगर में नगर विकास व आवास विभाग की ओर रेरा व मास्टर प्लान 2031 को लेकर बनाये गये कार्यालय में आये […]
पटना. सूबे में रियल इस्टेट कारोबार की रफ्तार सुस्त पड़ गयी है. राज्य में रेरा कानून लागू होने के बाद तीन महीने बाद भी एक भी अपार्टमेंट का निबंधन नहीं किया गया है. शास्त्री नगर में नगर विकास व आवास विभाग की ओर रेरा व मास्टर प्लान 2031 को लेकर बनाये गये कार्यालय में आये दिन बिल्डर जानकारी के लिए आते हैं, लेकिन अभी तक एक भी निर्माण को रेरा के अधीन नहीं लाया जा सका है.
गौरतलब है कि बीते जुलाई में रेरा को लागू किया गया था. 31 जुलाई तक निर्माणाधीन अपार्टमेंटों के लिए समय दिया गया था. लेकिन नगर विकास व आवास विभाग ने इसकी तारीख अब नवंबर तक बढ़ा दी है.
बिल्डर एसोसिएशन के बिहार चैप्टर के अध्यक्ष भावेश कुमार ने बताया कि राज्य में रियल स्टेट का कारोबार तीन तरफ से मंदी की मार झेल रहा है. पहले नोटबंदी से कारोबार लड़खड़ाया फिर जीएसटी की मार से समस्या हो रही है. इसके बार राज्य में बालू भी नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि पटना व आसपास के क्षेत्र में दो सौ से अधिक निर्माणाधीन अपार्टमेंट हैं. जिनको रेरा के तहत निबंधन कराना है.
रेरा में निबंधन कराने को लेकर जुलाई के बाद जिन लोगों को चार माह का समय दिया गया है.
इससे कई निर्माण करने वाले बिल्डरों को राहत मिली है. उन्होंने बताया कि इतने समय में जिन अपार्टमेंट का काम 90 फीसदी या 80 फीसदी पहुंच चुका है, वे अपना निर्माण तय समय में पूरा कर, रेरा से बाहर जा सकते हैं.
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