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पटना : वीडियोग्राफर की कमी के कारण धीमी पड़ी दवा दुकानों में छापेमारी
पटना : पिछले तीन सप्ताह से राज्य के दवा दुकानों पर छापेमारी एक तरह से ठप पड़ गयी है. इस दौरान जिलाधिकारी के आदेश पर एक बार ही छापेमारी करायी गयी है. इसके बाद अभी तक सिस्टम तैयार होने का इंतजार किया जा रहा है जिससे छापेमारी करायी जा सके. राज्य में 40 हजार दवा […]
पटना : पिछले तीन सप्ताह से राज्य के दवा दुकानों पर छापेमारी एक तरह से ठप पड़ गयी है. इस दौरान जिलाधिकारी के आदेश पर एक बार ही छापेमारी करायी गयी है. इसके बाद अभी तक सिस्टम तैयार होने का इंतजार किया जा रहा है जिससे छापेमारी करायी जा सके. राज्य में 40 हजार दवा दुकानें हैं. राज्य में सलाना 250-300 करोड़ के दवाओं का कारोबार होता है.
मरीजों तक सही दवाएं पहुंचे इसके लिए औषधि निरीक्षकों (डीआई) द्वारा नियमित रूप से छापेमारी की जाती है. अगस्त के अंतिम सप्ताह में स्वास्थ्य विभाग द्वारा छापेमारी के दौरान वीडियोग्राफी को अनिवार्य बनाये जाने के बाद छापेमारी ठप पड़ गयी है. पूर्व की व्यवस्था में औषधि निरीक्षक बिना वीडियोग्राफी कराये किसी दुकान से दवाओं का सैंपल उठाकर जांच के लिए ड्रग लैबोरेट्री भेज देते थे. समस्या यह है कि विभाग के पास वीडियोग्राफर की कमी हैं.
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