पटना : बिहार की राजधानी पटना में बेंगलुरु की पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को लेकर काफी आक्रोश है. बुधवार को पटना प्रेस कल्ब में पत्रकारों ने एक शोक सभा का आयोजन किया और लंकेश की हत्या को लोकतंत्र की हत्या करार दिया. शोक सभा में पत्रकारों ने इस हत्या की कड़ी निंदा करते हुए, अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी और सीबीआई जांच की मांग की. आज तक के डिप्टी एडिटर सुजीत झा ने हत्या की निंदा करते हुए कहा कि एक निडर पत्रकार की तरह वह अपने काम को अंजाम दे रही थी और जिस तरह हत्या को अंजाम दिया गया है, वह निंदनीय है. सरकार को तुरंत इस हत्या की जांच कर अपराधियों को सजा दिलाने का काम करना चाहिए. सुजीत झा ने यह भी कहा कि कर्नाटक सरकार यदि ऐसा करने में विफल रहती है, तो लंकेश के इंसाफ के लिए पटना के पत्रकार भी आंदोलन करेंगे. वहीं, एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार मनीष झा ने कहा कि पत्रकारों की हत्या के बाद नेताओं के बयान काफी पीड़ा देने वाले होते हैं. उन्होंने बिहार के एक नेता पर तंज कसते हुए कहा कि जब बिहार में उनकी पार्टी के एक नेता पर राजदेव रंजन की हत्या का आरोप लगा, तो उन्होंने एक शब्द नहीं बोला और अब लंकेश की हत्या के बाद बयान दे रहे हैं. मनीष झा ने पत्रकारों की सुरक्षा का सवाल उठाते हुए, हत्या के बाद नेताओं के बयान की भी कड़ी आलोचना की.
मौके पर उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार फैजान अहमद और रिपब्लिक टीवी के वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश सिंह ने भी गौरी लंकेश की हत्या की निंदा की. शोक सभा में वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी, कौशलेंद्र मिश्रा, रंजीत कुमार, अनवर, ब्रजेश गिरी, संजय, प्रियरंजन शर्मा, नदीम आलम, सूरज कुमार, गणेश कुमार सहित और भी कई पत्रकार उपस्थित थे. सभी पत्रकारों ने गौरी लंकेश की हत्या की कड़ी आलोचना करते हुए पत्रकारों की सुरक्षा पर सरकारों द्वारा विशेष ध्यान दिये जाने की वकालत की. ज्ञात हो कि कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के राज राजेश्वरी नगर में में पत्रकार गौरी लंकेश की मंगलवार रात को उनके घर के सामने गोली मार कर हत्या किये जाने के बाद देश के पत्रकार समाज में काफी गुस्सा है. गौरी अपने वामपंथी नजरिये और हिंदुत्व राजनीति पर बेबाक विचारों के लिए जानी जाने वाली 55 वर्षीया एक पत्रकार थीं, जो बिना विज्ञापन के लोगों के समूह के सहयोग से लंकेश नामक एक टेबलायड का प्रकाशन करती थीं. गौरी अपनी कार से घर वापस लौटीं और गेट खोल रही थीं, तभी मोटरसाइकिल पर सवार हमलावरों ने उन पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं, जिनमें से दो उनके सीने में और एक माथे पर लगी और उनकी वहीं मौत हो गयी.
केंद्र सरकार ने जहां इस मामले में कर्नाटक सरकार से रिपोर्ट मांगी है और सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और कर्नल राजवर्द्धन सिंह राठौर ने घटना की निंदा करते हुए कार्रवाई किये जाने की बात कही, वहीं सोनिया गांधी-राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस इस मुद्दे पर विपक्षी भाजपा पर हमलावर हो गयी है. हालांकि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है और सिद्धरमैया मुख्यमंत्री हैं. कानून-व्यवस्था प्राथमिक तौर पर राज्य की जिम्मेदारी है और गौरी लंकेश की पूर्व से हत्या किये जाने की आशंका के बावजूद उन्हें गोली मार दिया जाना इसे सामान्य तौर पर राज्य सरकार की ही विफलता माना जायेगा. अलबत्ता इस घटना के बाद कर्नाटक सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता व जनमुद्दों के लिए लड़ने वाले तमाम लोगों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है. अमेरिकी दूतावास ने भी गौरी की हत्या की निंदा की है. दूतावास ने अपने बयान में कहा है – हम लंकेश के परिवार, मित्रों व सहयोगियों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं. हम दुनिया में प्रेस की आजादी के समर्थक के साथ बेंगलुरु की सम्मानित पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की निंदा करते हैं.
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