* बाढ़ग्रस्त इलाकों के लोगों को विशेषज्ञों ने दी सलाह
पटना : इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस समारोह के दूसरे दिन देश भर से आये विशेषज्ञों ने ग्रीन बिल्डिंग व भूकंपरोधी मकान बनाने की सलाह दी. साथ ही बाढ़ग्रस्त इलाकों में विशेषज्ञों ने फ्लोटिंग हाउस बनाने की वकालत की. डॉ केएन सोनी ने कहा कि फ्लोटिंग हाउस स्थायी और अस्थायी तौर पर बनाये जाते हैं.
अस्थायी आवासों में जब बाढ़ आती है, तो वह पानी की मात्र के अनुसार ही ऊपर की ओर बढ़ते चला जाता है. बिहार जैसे बाढ़ग्रस्त राज्यों में यह बेहद कारगर हो सकता है. अगर कार्ययोजना बना कर काम किया जाये, तो कम लागत में भी बाढ़ग्रस्त इलाकों में ऐसे घर बनाये जा सकते हैं.
* पानी व ऊर्जा की बचत
टेरी से आयी मिली मजूमदार ने कहा कि बिहार में ग्रीन बिल्डिंग बनाने का काम चल रहा है. नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम, आइआइटी पटना ने संपर्क किया है. ग्रीन बिल्डिंग पानी व ऊर्जा की बचत करता है. पर्यावरण के अनुकूल भी होता है. प्रो एसपी श्रीवास्तव ने कहा कि ग्रीन बिल्डिंग बनाने में आम तरीकों से होने वाले निर्माण की तुलना में दो प्रतिशत कम राशि खर्च होती है.एमिटी के सिविल इंजीनियर राहुल सिंह ने फ्लाइ ऐश से बनी ईंटों से मकान बनाने की वकालत की. यह पर्यावरण के अनुकूल होता है.
* प्रशिक्षण की जरूरत
एमिटी के प्रोफेसर जे भट्टाचार्य ने कहा कि ग्रीन बिल्डिंग बनाने के लिए इंजीनियर, आर्किटेक्ट व ठेकेदारों को प्रशिक्षण देने की जरूरत है. आइडीएसइ के निदेशक (योजना) एसी पटेल ने कहा कि भवन वैसे बनाये जाएं, जो स्टेट ऑफ द आर्ट हो. लेकिन, उसमें पर्यावरण का खास ख्याल रखा जाये.
प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर हम भले ही बेहतर भवन बना लें, लेकिन बाद में उसका असर जनजीवन पर ही होगा. कार्यक्रम में ओपी गुप्ता ने वैल्यू इंजीनियरिंग, आइआइटी पटना के एस मजुमदार ने स्ट्रर एनालिस्ट, तो नवी मुंबई की विद्या गोडमरे ने स्टेशनों पर किये कार्यों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया.
* पहले मिट्टी की कराएं जांच
पटना : बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम में मुख्य तकनीकी पदाधिकारी दुखी साहा ने कहा कि बिहार में बाढ़, आंधी-तूफान, सुखाड़ के साथ ही भूकंप का भी कहर होता है. भूकंप के मामले में जोन पांच, चार व तीन में बिहार के सभी जिले आते हैं.
लगभग 15.2 फीसदी इलाका जोन पांच, 63.7 फीसदी जोन चार, तो 21.1 फीसदी इलाका जोन तीन में आता है. 1934 का प्रलयंकारी भूकंप हम सबों ने देखा है, इसलिए बचाव जरूरी है. जोन तीन को छोड़ दें, तो राज्य के अधिकतर जिले में मिट्टी कमजोर है. इसलिए, निर्माण के समय मिट्टी की जांच की जाये. भवन निर्माण विभाग में कार्यरत रामबाबू प्रसाद ने पानी टंकी के निर्माण में भी भूकंपरोधी तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए.
* ट्रेंड होंगे राज मिस्त्री : चंचल
पटना : इंजीनियरों व राज मिस्त्रियों को भूकंपरोधी भवन निर्माण का प्रशिक्षण दिया जायेगा. भवन निर्माण विभाग अपने बजट की 1.05 प्रतिशत राशि प्रशिक्षण पर खर्च करेगी. ये बातें विभाग के सचिव चंचल कुमार ने कहीं. उन्होंने कहा कि बिहार में भी फ्लाइ एस ईंटों का निर्माण हो रहा है, किंतु इसके उपयोग का प्रचलन नहीं बढ़ा है.
दूसरे राज्यों के बेहतर कार्यों का हम अनुसरण करेंगे. विभाग ‘डाटा-बैंक’ भी बनायेगा. इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस की अनुशंसाएं बिहार स्वीकार करेगा. इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस के अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद ने कहा कि न केवल सुंदर भवन बनें, बल्कि वे मजबूत भी हों. संस्थापक अध्यक्ष ओपी गोयल ने कहा कि बिहार में हुए इस पहले सम्मेलन का लाभ सूबे को अवश्य मिलेगा. मौके पर तकनीकी सेल के अध्यक्ष बीके चुग, सचिव प्रदीप मित्तल, गंगा प्रसाद , एसपी बक्शी, बीके गुप्ता, गिरीश नंदन सिंह व अभय राज भी उपस्थित थे.
* खुलेगा इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस का चैप्टर
पटना : बिहार में इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस का चैप्टर खुलेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी सहमति दे दी है. मई में ही इसका कार्यालय पटना में खुल जायेगा. यह जानकारी इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस के सचिव प्रदीप मित्तल ने दी. उन्होंने बताया कि इंडियन बिल्डिंग कांग्रेस भवन निर्माण करनेवाले बिहार के श्रमिकों को मॉडर्न तकनीक से रू-ब-रू करायेगी. उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. इसके लिए प्रशिक्षण केंद्र भी खोला जायेगा. राज मिस्त्रियों को 10 दिनों का प्रशिक्षण दिया जायेगा. उन्हें तरह-तरह के टूल्स भी देंगे और स्वावलंबी भी बनायेंगे.
– कांग्रेस ने कीं 17 अनुशंसाएं
* भवन निर्माण में कंप्यूटर विश्लेषण, सॉफ्टवेयर व आइटी का व्यापक उपयोग हो.
* भवन निर्माण से जुड़े मुद्दों के प्रबंधन में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो
* सस्टनेबल कसाड से भवन के बाहरी स्वरूप का निर्माण हो, इससे कार्बन कम होंगे
चीन व चंडीगढ़ की तरह बिहार में त्वरित गति से कम समय में भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो
* ऊर्जा, स्वास्थ्य व रिसाइकिलिंग पर भी भवन निर्माण में हो जोर
* ग्रीन बिल्डिंग के अनुकूल भवन निर्माण सामाग्रियों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाये
* पर्यावरण व वन विभाग के निर्देशों के आधार पर भवनों का निर्माण
* इंटेलिजेंट भवन व भवन प्रबंधन प्रणाली को कंप्यूटर से विकसित किया जाये
* भवन निर्माण में भूरे पानी का अधिक-से-अधिक उपयोग किया जाये, जल प्रबंधन भी होगा
* तेजी से भवन निर्माण कार्य में मोबाइल क्रेनों का उपयोग किया जाये
* कंक्रीट के उच्च निष्पादन के लिए विभिन्न तरह के एड मिक्चरों का उपयोग किया जाये
* भवन निर्माण में रेडीमिक्स कंक्रीट का उपयोग अधिक-से-अधिक मात्र में किया जाये
* प्री कास्टिंग, हाइ-वे, पेवमेंट और पुलों में पालीगर कंक्रीट का इस्तेमाल हो
* बरबाद कंक्रीट का भी भवन निर्माण में इस्तेमाल हो, भूकंपरोधी भवन निर्माण में विशेष रूप से
* आपातकालीन आश्रय, चक्रावात व भूकंप प्रभावित इलाकों में कंक्रीट कैनवास से मकान बनाये जायें
* भवन निर्माण में गुणवत्ता प्रबंधन का इस्तेमाल हो
* बॉयोमीटरिक मॉडल से भवन बनाये जायें, इससे मानव समस्याएं हल होंगी