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वोट के लालच में नहीं, सेवा भाव से हर तबके के लिए करता हूं काम : नीतीश
अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री ने की बैठक, राजद पर साधा िनशाना पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राजद पर एक बार फिर से निशाना साधा. जदयू के अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने महागठबंधन धर्म का पालन किया, गलती दूसरी तरफ से थी. अगर उन्हें महागठबंधन चलाना […]
अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री ने की बैठक, राजद पर साधा िनशाना
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राजद पर एक बार फिर से निशाना साधा. जदयू के अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने महागठबंधन धर्म का पालन किया, गलती दूसरी तरफ से थी.
अगर उन्हें महागठबंधन चलाना था, तो बिहार की तरक्की के लिए सोचना था, न कि खुद की तरक्की के लिए. जनता ने जहां की भी जिम्मेवारी दी, हमने वहां निष्ठापूर्वक काम किया. 1, अणे मार्ग में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने समाज के सभी तबकों के लिए काम किया है. कोई भी काम वोट के लालच में नहीं, बल्कि सेवा भाव से करते हैं, लेकिन कुछ लोग इसे मेवा के लिए करते हैं.
राज्य चलाने का काम जनता की खिदमत के लिए मिलता है, मेवा के लिए नहीं. हमने जो भी किया, वह लोगों की भावनाओं को ध्यान में रख कर किया.महागठबंधन को लोगों ने बिहार का विकास करने के लिए जनादेश दिया था, न की किसी परिवार विशेष के विकास के लिए. उन्होंने बिहार की विश्वास दिलाया कि हम अपने वसूलों से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं कर सकते हैं. जिस तरह पहले काम किया था, उसी तरह आगे भी करते रहेंगे. इसमें कोई कठिनाई या बाधा उत्पन्न नहीं होगी.
सीएम नीतीश कुमार को जदयू के करीब 1500 अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं ने बधाई दी. मुख्यमंत्री ने इनका स्वागत करते हुए कहा कि आप लोगों को यहां आने से मुझे खुशी हुई है. हमने जो निर्णय लिया है, वह बिहार व बिहारियों के हित में लिया गया निर्णय है और अल्पसंख्यक समुदाय की उपस्थिति यह प्रमाणित करती है.
धर्मनिरपेक्षता को स्वार्थ की पूर्ति से जोड़ कर देखते हैं लोग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर से दोहराया कि उन्हें देश का कोई नेता धर्मनिरपेक्षता का पाठ नहीं पढ़ा सकता है. लोग धर्मनिरपेक्षता को अपने स्वार्थ की पूर्ति और लाभ से जोड़ कर देखते हैं.
नवंबर, 2005 में एनडीए की सरकार बनी, तो सरकार ने समावेशी व न्याय के साथ विकास का काम करना शुरू किया. एनडीए की सरकार में ही भागलपुर दंगे के अभियुक्तों को सजा दिलवायी और न्यायिक जांच की अनुशंसा के बाद सिख दंगे की तरह ही पीड़ितों को मुआवजा दिया. ऐसे परिवार, जिनको देखनेवाला कोई नहीं था, उनको आजीवन पेंशन दी गयी. राज्य सरकार ने 50125 कब्रिस्तानों की घेराबंदी की. साथ ही सरकार की यही कोशिश है कि समाज में शांति कायम रहे और समाज के किसी भी व्यक्ति के साथ नाइंसाफी नहीं हो.
इन सबों के साथ ही अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हुनर व औजार योजना चलायी गयी, जिसका लाभ उन्हें मिला. तालिमी मरकज और 2459 मदरसाें को मान्यता दी गयी और उर्दू शिक्षकों की बहाली भी की गयी.
अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की पढ़ाई के लिए कोचिंग की व्यवस्था, सभी बोर्ड-कमेटी का सुदृढ़ीकरण, अंजुमन इस्लामिया हॉल और हज भवन को सारी सुविधा मुहैया करायी गयी. इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से प्रथम श्रेणी से पास होने वाले अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को 10 हजार रुपये देने प्रावधान शुरू किया गया है. वर्ष 2007 में प्रथम श्रेणी से पास होने वाले अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की संख्या 2600 थी, जो साल 2009-10 में बढ़ कर 26,000 हो गयी.
इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह सांसद आरसीपी सिंह, सांसद हरिवंश व कहकशां परवीन, राष्ट्रीय महासचिव संजय झा, राष्ट्रीय महासचिव सह विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी, अल्पसंख्यक मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, विधायक मो सर्फूद्दीन, विधान पार्षद मो जावेद इकबाल अंसारी, मो सलमान रागिब, प्रदेश महासचिव अनिल कुमार सिंह, मो सलाम, मो इजहार अहमद, मो गुलाम गौस, अंजुम आरा, प्रो युनूस हुसैन हकीम, मो ओबैदुल्लाह, रजिया खातुन, मो खलील अंसारी, मो इरशादउल्लाह, मो इरशाद अली आजाद, मो मुमताज, मो परवेज खान और मो बबलू मौसमी मौजूद थे.
जदयू और अन्य क्षेत्रीय दलों का मिला साथ
राज्यसभा में बहुमत के करीब एनडीए
नयी दिल्ली : जदयू के भाजपा से हाथ मिलाने के साथ क्षेत्रीय दलों के समर्थन से एनडीए की संख्या राज्यसभा में बहुमत के काफी करीब पहुंच गयी है. ऐसे में सरकार के विधायी एजेंडे को बढ़ावा मिलेगा. निर्दलीय व नामित सदस्यों के अलावा विभिन्न दलों के संख्या बल की गणना से पता चलता है कि अब मोदी सरकार को रास में 245 में से 121 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है.
राज्यसभा में जदयू के 10 सदस्य हैं, जो अब तक सदन में अल्पमत में रहे सत्तापक्ष में महत्वपूर्ण इजाफा है. कुल 26 सदस्यों वाले अन्नाद्रमुक, बीजद, टीआरएस, वाइएसआर कांग्रेस पार्टी और इनेलोद जैसे क्षेत्रीय दलों ने अकसर सरकार का समर्थन किया है.
साथ ही सरकार आठ नामित सदस्यों में से कम से कम चार का समर्थन मिल सकता है. इस तरह सभी को मिला कर संख्या 121 होती है, जो 123 के बहुमत के आंकड़े के करीब है. यदि भाजपा यूपी के नौ में से आठ सीटें जीतती है, तो उसकी ताकत और बढ़ेगी. वैसे बिहार में एनडीए की उलटी गंगा बह सकती है, जहां अगले साल मार्च-अप्रैल में छह सीटों के लिए चुनाव होंगे. इस समय जदयू और भाजपा के पास क्रमश: चार और दो सीटें हैं. राजद-कांग्रेस गठबंधन तीन तक सीटें जीत सकता है.
क्या होगा लाभ : सदन में एनडीए नेताओं को कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष की चुनौती से निपटने में मदद मिलेगी. संख्या अधिक होने के कारण अब तक कांग्रेस रास में सरकार के विधेयकों को अवरुद्ध करने में सफल रही है.
राज्यसभा के आंकड़े
कुल सदस्य : 245
एनडीए : 121
बहुमत : 123
जदयू की कार्यकारिणी की बैठक 18-19 अगस्त को
पटना.जदयू की राज्य कार्यकारिणी, प्रदेश पदाधिकारियों और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक अब पटना में होगी. पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 19 अगस्त को दिल्ली में होने वाली थी. इसकी जानकारी पार्टी के प्रधान महासचिव सह राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने दी. उन्होंने बताया कि 18 अगस्त को पटना में पहले पार्टी के पदाधिकारियों और राज्य कार्यकारिणी की बैठक होगी, वहीं 19 अगस्त को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. बैठक में एनडीए में विधिवत शामिल पर फैसला लिया जायेगा.
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