पटना : राज्य के छह बीएड समेत 66 ट्रेनिंग कॉलेजों में छह सौ एमएड डिग्रीधारी नियोजित शिक्षक पढ़ायेंगे. इसके लिए एमएड पास नियोजित शिक्षकों का चयन कर लिया गया है. उन्हें प्रति क्लास पढ़ाने के लिए एक हजार रुपये दिये जायेंगे. ये शिक्षक अपने स्कूलों में नियमित पढ़ाने के साथ-साथ सप्ताह में कम से कम एक बार जाकर बीएड कॉलेजों में भी पढ़ायेंगे.
पिछले साल तक बीएड कॉलेजों में एमएड पास नियोजित शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर रख कर पढ़ाई की जाती थी, लेकिन इस साल इंटरमीडिएट के परीक्षाफल की गिरावट के बाद उनकी प्रतिनियुक्ति को रद्द कर दिया गया और जिस स्कूल के वे शिक्षक थे उन्हें वहीं योगदान करने का निर्देश दिया गया. इसके बाद शिक्षा विभाग के एससीइआररटी ने एमएड पास अभ्यर्थियों से अावेदन मांगा था.
इन्हीं में से शैक्षणिक योग्यता के आधार पर उनका चयन किया गया है. वर्तमान में बीएड कॉलेजों में जहां 100 सीटें हैं वहां 10 और जहां 100 से ज्यादा सीटें हैं वहां 17 शिक्षकों के स्वीकृत पद हैं, लेकिन कहीं भी इनकी संख्या पूरी नहीं है. नियुक्त शिक्षकों के खाली पदों पर ही नियोजित शिक्षक गेस्ट फैकल्टी के रूप में जाकर पढ़ायेंगे.
अटकी पड़ी है ट्रेनिंग कॉलेजों के शिक्षकों की बहाली
राज्य के ट्रेनिंग कॉलेजों में शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया अटकी पड़ी है. ट्रेनिंग कॉलेजों में 586 शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया बिहार लोक सेवा आयोग को दी गयी है. इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति और दिव्यांग अभ्यर्थियों को पांच प्रतिशत छूट देने के लिए नियमावली में संशोधन किये जा रहे हैं. शुरुआत में सभी को 55 फीसदी अंक के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने का प्रावधान था, लेकिन 50 फीसदी अंक वाले एससी, एसटी व दिव्यांग अभ्यर्थी भी शामिल हो सकेंगे. संशोधित नियमावली जल्द ही कैबिनेट में जायेगी अौर मंजूरी के बाद उसे बीपीएससी को भेजा जायेगा.
सहरसा बीएड कॉलेज में इसी सत्र से एमएड की पढ़ाई
सहरसा के शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में इस साल से एमएड की पढ़ाई शुरू होगी. पिछसे साल ही बीएड कॉलेज तुर्की (मुजफ्फरपुर) में भी एमएड की पढ़ाई शुरू की गयी थी. इस साल सहरसा बीएड कॉलेज में एमएड की पढ़ाई शुरू होगी. इसमें 50 सीटों पर छात्र-छात्राओं का नामांकन होगा. यह नामांकन शैक्षणिक योग्यता के आधार पर होगा और जिनके अंक ज्यादा होंगे उनका एडमिशन होगा.