पटना : बालू घाटों पर नाविकों से रंगदारी वसूलने के लिए पटना शहर में भी पहले कई गिरोह सक्रिय थे. खास बात यह कि ये गिरोह वर्चस्व जमाने के लिए आपस में ही कई बार टकराये हैं. इनमें आधा दर्जन की जानें गयी हैं. गिरोह के सरगनाओं के जेल में बंद रहने के कारण अब बालू घाटों पर रंगदारी वसूलने की घटना बंद हो गयी है. विदित हो कि बांसघाट, पहलवान घाट से लेकर दीघा घाट तक से बालू ढोने वाले नावों से रंगदारी वसूलने को लेकर गिरोहों के आपसी टकराहट में विनोद महतो, राकेश, बिरजू राय आदि की हत्या हो चुकी है.
बालू घाट पर वर्चस्व को लेकर मूल रूप से लोथा गोप व शंकर राय तथा अखिलेश राय व सुमन सिंह गिरोहों के बीच हमेशा गोलीबारी होती थी. पहले ये सब साथ थे, लेकिन बाद में अलग हो गये. गैंगवार में मारा गया विनोद महतो लोथा गोप व शंकर राय गिरोह के साथ था, जबकि बिरजू सुमन व अखिलेश गुट का था. बिरजू की हत्या उसके घर से कुछ दूरी पर इंदिरा नगर में गोली मार कर कर दी गयी थी. वह भी अपराधी प्रवृत्ति का था. इसमें लोथा गोप व शंकर का नाम सामने आया था. दोनों फिलहाल जेल में बंद हैं.