वहीं, पटना जिला में 4354 वार्ड हैं, जिनमें से महज 623 वार्डों को ओडीएफ घोषित किया गया है क्योंकि अधिकारियों की लापरवाही के कारण कई वार्डों का काम काफी धीमा है. इसको लेकर डीएम ने कई बार अधिकारियों को गांव स्तर पर काम करने को कहा है, लेकिन समीक्षा रिपोर्ट आने पर मालूम पड़ता है कि कई मुखिया, विकास मित्र व पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों के ही घरों में शौचालय नहीं हैं. जब इसकी पड़ताल के लिए अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गयी, तो मालूम हुआ कि पिछले पांच माह से जन प्रतिनिधियों का ब्योरा तैयार नहीं हो रहा है, लेकिन अब दोबारा से स्थल निरीक्षण के बाद रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है, ताकि लक्ष्य जल्द से पूरा हो और सुस्त अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सके.
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शौचालय निर्माण में तेजी से काम करें, वरना होगी कड़ी कार्रवाई, पटना के 4354 वार्डों में 623 ही हुए आेडीएफ
पटना: शौचालय निर्माण को लेकर अब भी ग्रामीण क्षेत्रों में कई तरह की भ्रांतियां हैं. शायद यही कारण है कि अभियान में अधिकारी भी सुस्ती दिखा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में परिवारों की संख्या 686056 है, जिनमें से पूर्व से 229809 परिवारों के घरों में शौचालय की सुविधा है. 2017-18 में 80370 परिवारों के घरों […]
पटना: शौचालय निर्माण को लेकर अब भी ग्रामीण क्षेत्रों में कई तरह की भ्रांतियां हैं. शायद यही कारण है कि अभियान में अधिकारी भी सुस्ती दिखा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में परिवारों की संख्या 686056 है, जिनमें से पूर्व से 229809 परिवारों के घरों में शौचालय की सुविधा है. 2017-18 में 80370 परिवारों के घरों में शौचालय बनाने का लक्ष्य बनाया गया है, लेकिन अब तक मात्र 28562 परिवारों के घरों में शौचालय बनाया गया है.
एक-एक पंचयात को मॉडल बनाएं : प्रखंड विकास पदाधिकारी एक-एक पंचयात को मॉडल बनाने के लिए पंचायत रोजगार सेवक, इंदिरा आवास सहायक, विकास मित्र सहित सभी विभागों के पर्यवेक्षीय पदाधिकारी के बीच गांवों का बटवारा करने का निर्देश दिया गया है. इससे काम बेहतर और समय से पूरा हो पायेगा. पूर्व में मिली रिपाेर्ट में शौचालय को लेकर दानापुर, पुनपुन की हालत खराब है अौर अभी भी पानापुर पंचायत में किसी सरपंच व कुछ मुखिया के पास शौचालय नहीं होने के बाद उनके यहां शौचालय बनाने का काम करना पूरा किया जा रहा है. वहीं पुनपुन, दानापुर, फुलवारी जैसे इलाकों का हाल भी यही है.
जहां काम नहीं हुआ, वहां अधिकारियों को मिली वार्निंग
पटना जिला के सभी पंचायतों को दो अक्तूबर 2019 तक खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य बनाया गया है और जिस प्रखंड के अधिकारी काम में लापरवाही कर रहे हैं उनको अंतिम वार्निंग दी गयी है. बिक्रम, धनरुआ, घोसवरी जैसे प्रखंडों में काम की गति काफी धीमा है. ऐसे गांव के लोगों को शौचालय के बारे में जागरूक करने के लिए जीविका के दीदीओ को काम पर लगाया गया है, जोकि ब्लॉक स्तर पर काम कर रही है. इसके लिए हर ब्लॉक के पांच पंचायतों को चिन्हित किया गया है और वहां फेज में काम हो रहा है, ताकि लक्षय को समय से पूर्व पूरा कर लिया जाये. विधायक, मुखिया भी करेंगे जागरूक पटना जिला के ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए विधायक, वार्ड सदस्य, जन प्रतिनिध व मुखिया से भी सहयोग लिया जायेगा.
ग्रामीण परिवारों की संख्या
ग्रामीण क्षेत्र में परिवारों की संख्या: 686056
कितने के पास पूर्व से शौचालय है : 229809
2017-18 का लक्ष्य : 80370
2017-18 की उपलब्धि : 28562
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