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दुल्हिनबाजार : 6000 हेक्टेयर भूमि पर खेती का लक्ष्य

दुल्हिनबाजार : क्षेत्र में पांच दिनों से रुक- रुक कर हो रही बारिश के कारण इलाके के खेतों में पानी जमा हो गया है. इससे किसान अपने खेतों की जुुुताई कर धान की रोपनी शुरू कर दी है. किसानों का कहना है कि इस वर्ष पर्याप्त बारिश के कारण रोपनी कार्य की शुरुआत ठीक समय […]

दुल्हिनबाजार : क्षेत्र में पांच दिनों से रुक- रुक कर हो रही बारिश के कारण इलाके के खेतों में पानी जमा हो गया है. इससे किसान अपने खेतों की जुुुताई कर धान की रोपनी शुरू कर दी है. किसानों का कहना है कि इस वर्ष पर्याप्त बारिश के कारण रोपनी कार्य की शुरुआत ठीक समय पर हुई है, जिससे धान की उपज अच्छी होने की संभावना है. इस इलाके में मंसूरी धान की उपज वृहत पैमाने पर की जाती है. दुल्हिनबाजार प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि इस वर्ष पूरे इलाके में 6000 हेक्टेयर भूमि पर धान के पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
नौबतपुर. प्रखंड के सोना गांव में सोनू कुमार नामक किसान के छह बीघा खेत में गुरुवार को पैडिट्रांस्प्लांटर मशीन से धान की रोपनी की गयी. इस मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार, कृषि वैज्ञानिक अजय कुमार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक डॉ पुनिया, आत्मा अध्यक्ष धनेश कुमार, किसान सलाहकार विजयंत कुमार समेत दर्जनों कृषक उपस्थित थे.
मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी ने पैडिट्रांस्प्लांटर से धान की रोपनी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इससे होनेवाले फायदे के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि पंक्ति में ही शक्ति है. इससे कम लागत व मेहनत में अच्छी पैदावार होगी.
मोकामा : मोकामा टाल क्षेत्र के लिए सावन का महीना अमृतवर्षा लेकर आया है. अब किसान धान की रोपनी की तैयारी में जुट गये हैं. रोहिणी नक्षत्र में डाला गया बिचड़ा बुआई के लिए तैयार है, जबकि अार्द्रा के समय का बिचड़ा एक सप्ताह तक तैयार हो जायेगा. कई खेतों में कीचड़ करने का सिलसिला जारी है. वहीं कई किसान थोड़ी और बारिश के इंतजार में हैं. मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक दो-तीन दिनों में अच्छी बारिश होने का अनुमान है.
यह धान की बुआई के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है. अमूमन टाल में धान की खेती वर्षा पर ही निर्भर है. जून माह में महज 83.40 एमएम बारिश हुई. वहीं, टाल की नदियों के जल स्तर में भी वृद्धि नहीं हो सकी. इसे लेकर छोटे किसान उदासीन बने थे, लेकिन जुलाई में अब तक 150 एमएम बारिश रिकार्ड की गयी है. घोसवरी बीएओ अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि जुलाई माह में न्यूनतम 300 एमएम बारिश की संभावना है. किसानों को रोपनी के लिए खेतों में पानी के वैकल्पिक साधनों की जरूरत नहीं पड़ेगी. किसानों को पटवन के लिए डीजल अनुदान भी दिया जा रहा है.
सावन के अंत तक बुआई का लक्ष्य: मोकामा टाल अंतर्गत घोसवरी प्रखंड में 1736 हेक्टयर धान की खेती का लक्ष्य है. इसमें कुर्मीचक, सम्यागढ़, ताड़तर, कुम्हरा, पैजना आदि पंचायतों का रकबा शामिल है.किसानों ने बताया कि सावन के अंत तक शत प्रतिशत खेतों में बुआई कर ली जायेगी.
किसान नागपंचमी के बाद रोपन कार्य की शुरुआत करेंगे. फिलहाल श्री विधि, जीरो टिलेज आदि तकनीक से धान की बुआई चल रही है. दूसरी ओर, पंडारक प्रखंड में 2300 हेक्टयर में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित है. इसमें बिहारी बिगहा, अजगरा बकमा, डहमा, दरवे भदौर, बरूआने, बथोई आदि पंचायतों में धान की सर्वाधित खेती होती है. एक–दो दिनों में रोपनी का काम शुरू हो जायेगा .
मसौढ़ी : पूर्वानुमान को सच करते हुए इस वर्ष मजबूत मॉनसून ने अनुमंडल के तीनों प्रखंडों मसौढ़ी , धनरूआ व पुनपुन के किसानों के चेहरे पर खुशी ला दी है. उन्होंने अपने तैयार खेतों में धान की रोपनी युद्ध स्तर पर शुरू कर दी है. इसके बावजूद सरकारी आंकड़े के मुताबिक रोपनी लक्ष्य से अब भी काफी पीछे है .
आंकड़ा एक नजर में
मसौढ़ी प्रखंड
रोपनी का लक्ष्य 11,400 हेक्टेयर
अब तक रोपनी 28 प्रतिशत
वर्षा की आवश्यकता 240 एमएम के अनुपात में अब तक 300 एमएम
रोपनी के लक्ष्य के अनुपात में 99 प्रतिशत बिचड़ा तैयार है
धनरूआ प्रखंड
रोपनी का लक्ष्य 78 हजार हेक्टेयर
अब तक रोपनी 26 प्रतिशत
वर्षा अभी तक जो रिकार्ड की गयी 200 एमएम
पुनपुन प्रखंड
रोपनी का लक्ष्य 5 हजार हेक्टेयर
अब तक रोपनी 25 प्रतिशत
वर्षा अब तक जो रिकार्ड की गयी 151.4 एमएम
(सारे रिकार्ड संबंधित प्रखंडों के कृषि पदाधिकारी के द्वारा उपलब्ध कराये गये हैं)
9000 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती का है लक्ष्य
बिक्रम. धान के नैहर से मशहूर बिक्रम में किसानों में इस बार प्रकृति मेहरबान है. खेत पूरी तरह से धान की खेती के लिए तैयार है, किंतु धान का बिचड़ा तैयार नहीं होने के कारण रोपनी का काम बहुत धीमा चल रहा है.
इस बार इलाके में श्री विधि से खेती नहीं हो रही है. अधिकतर किसान पुरानी विधि से धान की रोपनी कर रहे हैं. कृषि पदाधिकारी उदय शंकर राम ने बताया कि इस वर्ष नौ हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती का लक्ष्य रखा गया है. अभी रोपनी का काम शुरू हुआ है.
लगभग पांच प्रतिशत किसानों ने धान की रोपनी की है. वहीं, बघाकोल की तरफ 90 प्रतिशत धान की रोपनी हो चुकी है.

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