पटना: जिला पर्षद अध्यक्षों को लालबत्ती व नक्सलग्रस्त जिलों के अध्यक्षों को स्कॉट चाहिए. उन्हें निजी सहायक व गार्ड की सुविधा भी सरकार से चाहिए. वे यह भी चाहते हैं कि जिले की सभी योजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन में उन्हें आमंत्रित किया जाये. जिला पर्षदों को सुदृढ़ व प्रभावी संचालन के लिए गठित समिति में अध्यक्षों ने यह मांग रखी है. पंचायती राज विभाग ने इसको लेकर विभिन्न विषयों पर पांच कमेटियों का गठन किया है.
कमेटी संख्या-चार को जिला पर्षद अध्यक्षों को मिलनेवाली सुविधाएं, अधिकार व कर्तव्य के बारे में अनुशंसा करनी है. समिति की दूसरी बैठक में अध्यक्षों ने अधिकार को लेकर कई सुझाव दिये. इनमें जिलाध्यक्ष व उपाध्यक्षों को नियत भत्ता, यात्र भत्ता, दैनिक भत्ता में बढ़ोतरी आदि शामिल थे.
साथ ही सभी सदस्यों को दैनिक व यात्र भत्ता देने की बात की गयी थी. बैठक में पंचायत समिति के सदस्यों को गाड़ी व लैपटॉप के लिए राशि देने की मांग की गयी. सरकार का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट कराया गया कि परिषद के प्रशासनिक व वित्तीय मामलों से संबंधित संचिका का निष्पादन जिलाध्यक्ष के माध्यम से होना चाहिए. बैठक में कहा गया कि जिला परिषद के वर्तमान पद संरचना की समीक्षा की जाये और अनुपयोगी पदों को समाप्त किया जाये.
परिषद में आवश्यकता आधारित पदों का सृजन किया जाये. पंचायती राज विभाग के सहायक निदेशक व समिति संख्या-दो के समन्वयक सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि दूसरी बैठक में दिये गये अध्यक्षों के सुझावों पर सरकार विचार कर रही है. जो मामले विभागीय स्तर पर स्वीकृत किये जाने हैं, उनसे कोई परेशानी नहीं होगी. वित्तीय व नीतिगत मामलों को लेकर विभाग की ओर से विचार किया जा रहा है. समिति के आवश्यक सुझावों पर कैबिनेट से स्वीकृति ली जायेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनप्रतिनिधियों के भत्ते में दोगुना वृद्धि करने की घोषणा की है.