पटना : राजधानी पटना के ज्ञान भवन अशोका कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किसान समागम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किसानों के साथ जमीन पर बैठकर भोजन किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके मंत्री , जय कुमार सिंह, आलोक मेहता और अवधेश सिंह भी मौजूद रहे. नीतीश कुमार के इस कदम से किसानों में खासा उत्साह है और उन्होंने समागम के दौरान इसके लिए नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया. समागम में जमुई के किसान ने मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा किएकतरफ सरकारें किसानों परगोलियां चलवा रही हैं और दूसरी ओर नीतीश किसानों के बीच बैठकर भोजन कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि यह नीतीश कुमार का किसानों के प्रति आगाध प्रेम है. हालांकि, राजनीतिक जानकारों की मानें तो देश में इन दिनों कई राजनेता जमीन पर बैठकर भोजन करने को तरजीह दे रहे हैं.
नीतीश कुमार ने समागम को संबोधित करते हुए कहा कि हमने बिहार में किसानों और कृषि को प्राथमिकता दीहै. कृषि रोड मैप पर मंथन करते हुए नीतीश कुमार ने किसानों के सुझाव पर गंभीरता से विचार करने की बात कही. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में बिहार की स्थिति खराब है, किसानों की आमदनी में वृद्धि करना हमारा लक्ष्य है. बिहार ने धान उत्पादन में रिकार्ड बनाया है. उन्होंने कहा कि कृषि से संबंधित क्षेत्रों का भी विकास होना चाहिए. सूबे के 76 फीसदी लोग खेती पर निर्भर हैं.
नीतीश ने कहा कि मैंने अपना हर वादा निभाया. शराबबंदी कर दी. पहले गांवों में शाम होते ही झगड़ा-फसाद होता था. शादी में दरवाजे पर बरात बहुत देर लगती थी. यह सबको मालूम है. अब ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग दस हजार करोड़ शराब में गंवा रहे थे. शराबबंदी की सफलता पर बोलने के बाद उन्होंने किसानों को कहा कि सभी लोग अपने अनुभव के आधार पर बोल रहे हैं. हमलोग विशेषज्ञों, अधिकारियों के अलावा और भी दूसरे प्रकार से प्रपोजल और प्रस्तावतैयारकरते हैं. जब तक उस पर किसानों की राय नहीं लेगे उसका कोई मतलब नहीं बनता. उन्होंने किसानों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने बहुत अच्छी बातें कही है, किसानोंकीसारी बातों पर गौर करते हुए उसको आगे अंतिम रूप दिया जायेगा. हर क्षेत्र में अनाज, फूल,सब्जी औरमछलीपालन के क्षेत्र में उठाया गया उसका फायदा हुआ. सीएम ने कहा कि हमने नीति निर्धारण किया है कि किसान की आमदनी बढ़ायी जाये , इस प्रकार के समागम का आयोजन से काफी लाभ होता है.
नीतीश कुमार के इस समागम पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश सरकार किसान विरोधी है. वहीं राजनीतिक जानकारों की मानें तो नीतीश कुमार का यह अंदाज है, जिसके जरिये वह अपने विरोधियों को अक्सर जवाब देते हैं. मध्यप्रदेश में किसानों पर फायरिंग की घटना के तुरंत बाद किसानों के साथ इस तरह से बैठकर भोजन करना नीतीश का विरोधियों को जवाब है. ज्ञात हो कि तीसरा कृषि रोड मैप 2017-2022 तैयार करने के लिए इस समागम का आयोजन किया गया है. इस समागम में किसानों के सुझावों को एकीकृत कर इसे तैयार किया जायेगा.