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प्रारंभिक विद्यालयों में बहाल होगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
पटना : राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहाल की जायेगी. इसके लिए राज्य सरकार स्कूलों के प्रधानाध्यापक व प्रधान शिक्षकों को प्रशिक्षित करने जा रही है. शिक्षा विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है. हर प्रखंड के पांच-पांच बेहतर स्कूलों का चयन किया जायेगा, जहां बेहतर पढ़ाई, रिजल्ट के साथ-साथ अन्य […]
पटना : राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहाल की जायेगी. इसके लिए राज्य सरकार स्कूलों के प्रधानाध्यापक व प्रधान शिक्षकों को प्रशिक्षित करने जा रही है. शिक्षा विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है. हर प्रखंड के पांच-पांच बेहतर स्कूलों का चयन किया जायेगा, जहां बेहतर पढ़ाई, रिजल्ट के साथ-साथ अन्य संसाधन भी मौजूद हैं. उन स्कूलों में उस प्रखंड से वैसे स्कूल जहां बेहतर ढंग से पढ़ाई नहीं हो पा रही है और मध्याह्न भोजन का संचालन ठीक से नहीं हो पा रहा है वहां के प्रधान शिक्षक व प्रधानाध्यापकों को ट्रेनिंग दी जायेगी.
ट्रेनिंग लेने वाले प्रधानाध्यापकों व प्रधान शिक्षकों को अपने स्कूलों को बेहतर स्कूलों के समकक्ष खड़ा करने के लिए तीन महीने का समय भी दिया जायेगा. निर्धारित समय के बाद भी स्कूल की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो उन्हें वहां से हटा दिया जायेगा.
प्रशिक्षण के दौरान प्रधान शिक्षक व प्रधानाध्यापक एक पूरा दिन चयनित स्कूलों में रहेंगे और स्कूल में कैसे पढ़़ाई होती है, मिड डे मील कैसे बनता है, बच्चों को कैसे खिलाया जाता है और स्कूल का संचालन कैसे होता है, उसका अध्ययन करेंगे. स्कूल जहां लिखित रूप से देगा कि उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान क्या-क्या बताया? वहीं जानकारी लेने वाले प्रधानाध्यापक शपथ पत्र देंगे कि उन्हें किन-किन चीजों की आवश्यकता है, जिससे वे उस स्कूल की तरह अपने स्कूल को चला सकते हैं.
इस पर राज्य सरकार सारी कमियों को दूर करेगी और दो से तीन महीने में स्कूल का औचक निरीक्षण किया जायेगा. इसके बाद भी स्कूल की शिक्षा, मध्याह्न भोजन की व्यवस्था और स्कूल के संचालन में कोई बदलाव नहीं आता है, तो संबंधित स्कूलों के प्रधान शिक्षक व प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई की जायेगी. विभागीय सूत्रों की माने तो प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थित ठीक करने, मध्याह्न भोजन व स्कूल को नियमित रूप से चलाने को लेकर इसे लागू किया जायेगा.
सर्वशिक्षा के लिए केंद्र से राशि की मांग करेगी सरकार
पटना : सर्वशिक्षा अभियान में केंद्र सरकार की ओर से राशि नहीं आने के कारण नियोजित शिक्षकों को वेतन देने में परेशानी हो रही है. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद केंद्र सरकार को पत्र लिख कर पहली किस्त की राशि भेजने की मांग करने जा रहा है. केंद्र सरकार से करीब 2700 करोड़ रुपये मांगने की तैयारी की जा रही है. केंद्र सरकार ने पिछले महीने ही राज्य सरकार को सर्वशिक्षा अभियान को लेकर शुरुआती खर्च के लिए 850 करोड़ रुपये दिये हैं, जबकि वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 10,555 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गयी है.
इसी राशि में केंद्र सरकार को 6332 करोड़ और राज्य सरकार को 4223 करोड़ रुपये खर्च करने हैं. सर्वशिक्षा अभियान मद से राज्य के 2.57 लाख नियोजित शिक्षकों को वेतन का भुगतान होता है. एेसे में केंद्र से आये 850 करोड़ में राज्य सरकार राज्यांश के रूप में करीब 500 करोड़ रुपये जोड़कर वेतन भुगतान करेगी, लेकिन इससे शिक्षकों का बकाया तीन महीने का ही वेतन जारी हो सकेगा.
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