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नागरिक सुविधा केंद्र बंद, कंपनी चयन में लगेगा समय, लोग परेशान

राजस्व वसूली करने के लिए अभी तक कंपनी का नहीं हुअा चयन पटना : नगर निगम का नागरिक सुविधा केंद्र दो माह से बंद रहने से निगम मुख्यालय से लेकर अंचल कार्यालय में आने वाले लोगों को टैक्स जमा करने में असुविधा हो रही है. निगम की ओर से अब तक कंपनी का चयन नहीं […]

राजस्व वसूली करने के लिए अभी तक कंपनी का नहीं हुअा चयन
पटना : नगर निगम का नागरिक सुविधा केंद्र दो माह से बंद रहने से निगम मुख्यालय से लेकर अंचल कार्यालय में आने वाले लोगों को टैक्स जमा करने में असुविधा हो रही है. निगम की ओर से अब तक कंपनी का चयन नहीं किया जा सका है. सूत्रों की मानेें तो राजस्व वसूली का अधिकार प्राइवेट कंपनी को देने पर चुनाव के कारण कार्रवाई अब तक पूरी नहीं हो पायी है. वहीं निविदा की प्रक्रिया में किसी कंपनी का चयन भी होता है तो अभी एक माह की और देरी होगी.
नगर निगम के राजस्व वसूली का लक्ष्य इस बार भी निगम की सुस्ती के कारण पूरा होता नहीं दिख रहा है. नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में होल्डिंग टैक्स वसूली करने का लक्ष्य एक सौ करोड़ रखा है.
निगम में सबसे अधिक होल्डिंग टैक्स उसके नागरिक सुविधा केंद्र में जमा होते हैं, जो शहर में कुल आठ जगहों पर हैं. सुविधा केंद्र को चलाने वाली कंपनी का एग्रीमेंट समाप्त होने के बाद निगम ने उनको एक अप्रैल से बंद कर दिया है. इससे होल्डिंग टैक्स जमा करने आने वाले लोग प्रतिदिन निगम मुख्यालय मौर्या लोक से लेकर अंचल कार्यालय में चक्कर लगाकर लौट जाते हैं. वर्ष 2011 के निगम के नागरिक सुविधा केंद्र चलाने का काम कर रही है.
निगम से कंपनी का एग्रीमेंट बहुत पहले समाप्त हो चुका था. कार्य जारी रखने के लिये निगम कंपनी का एग्रीमेंट छह-छह माह बढ़ा देता था. इससे निगम को वसूली करने में सुविधा मिलती थी, मगर इस बार निगम ने बगैर नयी कंपनी का चयन किये ही, पुरानी कंपनी को हटा दिया, इसके अचानक से कुल आठ नागरिक सुविधा केंद्र बंद हो गये हैं.
कंपनी के चयन में अब आचार संहिता का पेच
निगम ने इस बार होल्डिंग टैक्स वसूली के लिए प्राइवेट कंपनी या एजेंसी रखने का फैसला लिया है. निगम की सशक्त स्थायी समिति और निगम बोर्ड में कई बार जाने के बाद यह मामला पास हुआ है, लेकिन नये वित्तीय वर्ष के एक माह बीतने के बाद भी निगम ने न तो अभी नयी निविदा इसके लिए फाइनल की है और न ही अभी तक कंपनी का चयन हो पाया है. नयी कंपनी के चयन में अब आचार संहिता के कारण एक माह की और देरी होने की संभावना है. नगर निगम के राजस्व वसूली के लिए निकाली गयी निविदा में चार कंपनियों ने टेंडर डाला है.
निगम द्वारा कंपनी की तकनीकी व फाइनेंसियल बीड की जांच की जा रही है. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो कंपनी चयन की प्रक्रिया जून तक पूरा कर ली जायेगी. अगर कंपनी सफल नहीं रहती है तो नगर निगम फिर अपने स्तर से राजस्व वसूली केंद्र शुरू करेगा. नूतन राजधानी अंचल को केंद्र खोलने का निर्देश दिया गया है.
80 करोड़ के बदले
43 करोड़ रुपये की हुई वसूली
बीते वित्तीय वर्ष में नगर निगम ने कुल 80 करोड़ रुपये होल्डिंग टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा था. वसूली के लिए विभिन्न अंचल कार्यालयों में कैंप लगाकर वसूली की गयी. तब जाकर निगम वित्तीय वर्ष के अंत में करीब 43 करोड़ रुपये का आंकड़ा छू पाया. इस बार भी मई माह में मात्र छह करोड़ की वसूली हुई है.

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