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फेको नहीं फेमटो लेजर है सुरक्षित तकनीक

बिहार व झारखंड ऑप्थलमोलॉजिकल सोसाइटी की ओर से आयोजित हुआ एक दिवसीय सेमिनार पटना : मोतियाबिंद के ऑपरेशन में बिना टांके की फेको तकनीक के बाद अब नयी तकनीक फेमटो लेजर आ गयी है. इसमें मोतियाबिंद का ऑपरेशन मात्र 1 मिनट में हो जायेगा और वो भी पुरानी तकनीक के मुकाबले अधिक सटीक. यही नहीं […]

बिहार व झारखंड ऑप्थलमोलॉजिकल सोसाइटी की ओर से आयोजित हुआ एक दिवसीय सेमिनार
पटना : मोतियाबिंद के ऑपरेशन में बिना टांके की फेको तकनीक के बाद अब नयी तकनीक फेमटो लेजर आ गयी है. इसमें मोतियाबिंद का ऑपरेशन मात्र 1 मिनट में हो जायेगा और वो भी पुरानी तकनीक के मुकाबले अधिक सटीक. यही नहीं ऑपरेशन के तुरंत बाद भी मरीजों को तकलीफ नहीं उठानी पड़ेगी.
यह कहना है झारखंड रांची से आयी नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ भारती कश्यप का. बिहार झारखंड ऑप्थलमोलॉजिकल सोसाइटी की ओर से रविवार को होटल पाटलिपुत्र अशोक में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसका नेतृत्व नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील सिंह ने किया. डॉ सुनील ने बताया कि बिहार व झारखंड से कुल 150 से अधिक नेत्र रोग के डॉक्टर आये थे. वहीं अपनी साइंटिफिक शेशन के दौरान डॉ भारती कश्यप ने फेमटो लेजर ब्लेड रहित मोतियाबिंद सर्जरी पर अपनी प्रस्तुति दी.
उन्होंने इस तकनीक को विश्व की सबसे आधुनिक एवं सुरक्षित तकनीक बताया. उन्होंने कहा कि लेजर की तुलना में सर्जरी के पहले दिन से ही मरीजों की आंखों की रोशनी काफी अच्छी हो जाती है, क्योंकि लेजर कड़े से कड़े मोतियाबिंद को गला देती है. नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ बीपी कश्यप ने बताया कि फेको तकनीक की तुलना में 50 प्रतिशत से भी कम अल्ट्रासाउंड एनर्जी लगती है जो रेटिना व कॉर्निया के लिए काफी सुरक्षित होती है.

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