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Patna में कोविड की तर्ज पर डेंगू, मलेरिया को रोकने की तैयारी,टेस्ट,ट्रेस और ट्रीटमेंट अभियान चलाया जायेगा

पटना शहर के अलावा जिले के सभी अनुमंडलीय अस्पतालों को डेंगू को लेकर सक्रिय कर दिया गया है. यहां बुखार के मरीजों की जांच अनिवार्य कर दी गयी है. जांच में डेंगू अथवा अन्य बीमारी की पुष्टि होती है. अब डेंगू, मलेरिया समेत अन्य बीमारियों के नियंत्रण के लिए कोविड की तर्ज पर अभियान चलाया जायेगा.

पटना (आनंद तिवारी). डेंगू, मलेरिया समेत अन्य बीमारियों के नियंत्रण के लिए नयी रणनीति बनायी गयी है. इनके लिए कोविड की तर्ज पर टेस्ट, ट्रेस और ट्रीटमेंट अभियान चलाया जायेगा. इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. बरसात के दिनों में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस, लेप्टोस्पायरा सहित अन्य जलजनित और संक्रामक बीमारियां फैलती हैं. इनके अचानक फैलने से उन्हें नियंत्रित करने में समस्या आती है, जिसको देखते हुए कोविड मॉडल को अपनाया जा रहा है.

बुखार के मरीजों की जांच अनिवार्य

शहर के अलावा जिले के सभी अनुमंडलीय अस्पतालों को सक्रिय कर दिया गया है. यहां बुखार के मरीजों की जांच अनिवार्य कर दी गयी है. जांच में डेंगू अथवा अन्य बीमारी की पुष्टि होती है, तो संबंधित इलाके में अभियान चलाया जायेगा. टेस्ट, ट्रेस और ट्रीटमेंट मॉडल के जरिये पॉजिटिव मिले मरीज के घर के आसपास 50 परिवार की स्क्रीनिंग की जायेगी. इसके अलावा अन्य परिवारों में बीमारी रोकने की जानकारी दी जायेगी. उनको साफ-सफाई और मच्छर रोधी अभियान के बारे में बताया जायेगा. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज व अनुमंडलीय अस्पतालों में रैपिड रिस्पांस टीम यानी आरआरटी का गठन किया गया है. जहां पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं वहां टीमें भेजी जा रही हैं. पॉजिटिव मिलने वाले मरीज का फोन नंबर भी लेने को कहा गया है, ताकि उससे बातचीत कर टीम के पहुंचने के बारे में निगरानी की जा सके.

डेंगू से बचने के लिए एलाइजा जांच कराएं

सिविल सर्जन डॉ केके राय ने बताया कि कोविड मॉडल पर डेंगू को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन पूरे शहर में सघन फागिंग और एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कर एडीज मच्छर को खत्म करना आसान नहीं है. हालांकि, मलेरिया विभाग सभी छह अंचल में हेल्थ एजुकेटर की नियुक्ति कर संक्रमित लोगों के घर के अंदर और सौ मीटर के दायरे में सघन फागिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव करा रही है. इसके अलावा नगर-निगम शहर की घनी आबादी में फागिंग करता है. वहीं डेंगू से बचने के लिए एलाइजा जांच जरूर कराएं, ताकि बीमारी चिह्नित होने के बाद खुद को सुरक्षित रख सकें और आसपास के लोग भी सुरक्षित रहें.

इन मुहल्लों से मिल रहे रोजाना मरीज

नगर निगम की हड़ताल और जगह-जगह फैली गंदगी ने डेंगू का खतरा बढ़ा दिया है. जानकारी के अनुसार रामकृष्णा नगर, बिस्कोमान कालोनी, कुम्हरार, पटना सिटी, कंकड़बाग, चित्रगुप्तनगर, बहादुरपुर, बाजार समिति, सैदपुर, मालसलामी, महेंद्रू, रामनगरी, रूपसपुर, आरपीएमस मोड़, गोला रोड, दानापुर, शास्त्रीनगर, पटेल नगर, पुनाईचक, दानापुर आदि मोहल्लों में डेंगू का प्रकोप है. इन मोहल्लों से डेंगू के पीड़ित मिलने लगे हैं.

लक्षण

– तेज बुखार, बदन, सिर, आंखों के पीछे और जोड़ों में तेज दर्द

– त्वचा पर लाल चकत्ते-धब्बे या चकत्ते के निशान

– नाक-मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्तस्राव

– यदि ये लक्षण हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, सभी रोगियों को भर्ती होने की जरूरत नहीं. समय पर उपचार से रोगी पूर्णत: स्वस्थ हो जाते हैं.

याद रखें :

– तेज बुखार होने पर एस्प्रिन या ब्रुफेन जैसी दर्द निवारक गोलियों के बजाय सुरक्षित पारासिटामोल ही लें.

बचाव के उपाय

– दिन में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें

– दिन में भी मास्कीटो रिपेलेंट लिक्विड या क्रीम का प्रयोग करें

– पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनकर रहें

– टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर-एसी, फ्रिज के पानी, पानी की टंकी ढंक कर रखें और आसपास पानी नहीं जमा होने दें

– गमले आदि जहां रखें हों वहां काला हिट का छिड़काव करें

– घर के आसपास साफ-सफाई रखें और पानी जमा हो तो दवा का छिड़काव करें

– गमला, फूलदान आदि का पानी हर दिन बदलें

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